नई दिल्ली, 3 अक्टूबर | नीतीश कटारा के हत्यारों विकास यादव, विशाल यादव और उनके साथी सुखदेव पहलवान को 25 साल कैद की सजा भुगतनी होगी। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को नीतीश के हत्यारों की सजा पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि अदालतों को 25 साल या इससे भी अधिक की सजा देने का अधिकार है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति सी. नागप्पन की सदस्यता वाली पीठ ने विकास यादव और दो अन्य को 25 साल कैद की सजा के 2014 के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा, “हमें ऐसी विशेष सजा देने का अधिकार है।”
शीर्ष न्यायालय ने इस सवाल पर यह फैसला सुनाया कि क्या अदालतों को ऐसी विशेष सजा देने का अधिकार है।
सर्वोच्च न्यायालय ने अगस्त 2015 में विकास यादव, विशाल यादव और सुखदेव पहलवान को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दोषी करार दिए जाने को सही ठहराया था और कहा था कि अदालत बाद में सजा की मियाद पर विचार करेगी।
विकास यादव, उनके भाई विशाल यादव और सुखदेव पहलवान को मई 2008 में निचली अदालत ने दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने अप्रैल 2014 में सजा को बढ़ाकर 25 साल कर दिया था।
विकास यादव और अन्य दोनों दोषियों ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दोषी करार दिए जाने और विशेष सजा देने के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
विकास यादव अपनी बहन भारती यादव के साथ नीतीश कटारा के संबंध को लेकर नाराज थे, इसलिए नीतीश की हत्या कर दी गई थी।
भारती और विकास अपराधी से नेता बने डी.पी. यादव की संतानें हैं। –आईएएनएस
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