नेताजी से संबंधित वेबसाइट लांच, फाइलें सार्वजनिक

नई दिल्ली, 23 जनवरी (जनसमा)। राष्ट्रीय अभिलेखागार ने शनिवार को ‘नेताजी सुभाषचन्द्र बोस पेपर्स’ के नाम से एक वेबसाइट लॉन्च की है जिसका यूआरएल है ‘netajisubhaschandrabose.gov.in’। इस पर लिखा गया है कि भारत सरकार ने यह निश्चय किया है कि नेताजी से संबंधित सभी प्रकार की फाइलों को आम जनता के लिए उपलब्ध करा दी जाए।

इस बात की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 14 अक्टूबर 2015 को की थी जब नेताजी के परिवार के सदस्यों के एक प्रतिनिधि मंडल ने प्रधानमंत्री निवास पर उनसे मुलाकात की थी। तब 33 फाइलों का संग्रह प्रधानमंत्री कार्यालय ने राष्ट्रीय अभिलेखागार को 4 दिसम्बर 2015 को सौंप दिया था।

इस वेब साइट के पहले पेज के दाहिनी ओर नेताजी की अनेक तस्वीरें हैं और नीचे एक सूची दी गई है जिसमें विषयवार फाइल  नम्बर सहित जानकारियां उपलब्ध हैं।

इस वेबसाइट पर पहली फाइल का नाम है- ‘डेथ ऑफ श्री सुभाषचन्द्र बोस’ यानि सुभाषचन्द्र बोस की मृत्यु और दूसरा अपॉइन्टमेंट ऑफ इन्क्वायरी कमेटी यानि सुभाषचन्द्र बोस की मृत्यु की परिस्थितियों की जांच के लिए एक आयोग की नियुक्ति। यह लोकसभा में 23 फरवरी, 1960  को पूछा गया एक तारांकित प्रश्न था, जिसकी संख्या थी 1207।

वेबसाइट पर सवेरे से ही बहुत अधिक ट्रैफिक आ रहा है। 2 बजकर 22 मिनट पर इस वेबसाइट को देखने वालों की संख्या जहां 27 हजार 256 थी वहीं 10 मिनट बाद 2 बजकर 32 मिनट पर विजिटर्स की संख्या 31 हजार 339 पहुंच चुकी थी। अभी वेब साइट पूरी तरह से खुल भी नहीं पा रही है और भारी ट्रैफिक के कारण बीच-बीच में हैंग भी कर रही है।

नेताजी की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रीय अभिलेखागार में नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़े दस्तावेजों को आम जनता की जानकारी के लिए जारी कर दिय।ि मोदी ने नेताजी से जुड़े 100 दस्तावेजों की डिजिटल प्रतिलिपियां जारी की। बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 में ओडिशा के कटक में हुआ था।

इससे पहले आज सवेरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा था कि उनसे जुड़े दस्तावेजों का खुलासा शनिवार से शुरू होगा। इसके लिए मैं खुद भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार जाऊंगा।

राष्ट्रीय अभिलेखागार को 1997 में रक्षा मंत्रालय की ओर से आजाद हिंद फौज से संबंधित 990 दस्तावेज प्राप्त हुए थे, जिसकी स्थापना नेताजी ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटिश भारतीय सेना के खिलाफ की थी।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नेताजी के बारे में बताया जाता है कि उनका निधन 1945 में फॉरमोसा (अब ताइवान) में एक विमान दुर्घटना में हुआ था, जो अब भी एक रहस्य बना हुआ है।