नेपाल का भारतीय राजदूत को निष्कासित करने की अटकलों से इनकार, कुछ मीडिया रिपोर्टों ने लगाई थीं अटकलें

काठमांडू, 9 मई | नेपाल ने राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के भारत दौरा रद्द करने और भारत से अपने राजनयिक को वापस बुलाने के बाद से उड़ रहीं भारत के राजदूत रंजीत राय को निष्कासित करने संबंधी अटकलों को खारिज कर दिया है। राजधानी काठमांडू में रविवार को अफवाहें उड़ीं कि नेपाल की सरकार भारत के राजदूत रंजीत को अवांछित व्यक्ति (पीएनजी) घोषित करने की तैयारी में है, जिसका मतलब यह हुआ कि उनके राजनयिक अधिकार वापस ले लिए जाएंगे। रंजीत पर वियना कन्वेंशन सहित कई कूटनीतिक मानदंडों का उल्लंघन करने का आरोप है।

इन अफवाहों को उस समय बल मिला, जब प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने उनकी सरकार गिराए जाने में भारत का हाथ होना मानकर राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी का भारत दौरा रद्द कर दिया और भारत में मौजूद अपने राजनयिक दीप कुमार उपाध्याय को वापस बुला लिया।

कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ओली के आवास पर बैठक में राजदूत रंजीत को पीएनजी घोषित करने की संभावनाओं पर चर्चा होने के बाद भारत व नेपाल में हलचल मच गई, जिसके चलते रविवार शाम उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री कमल थापा को इस संबंध में एक बयान जारी करना पड़ा। उन्होंने बयान में कहा, “कुछ मीडिया रिपोर्ट में नेपाल सरकार द्वारा भारतीय राजदूत राय को हटाए जाने के बारे में लगाई गईं अटकलें निराधार हैं और उनका मकसद नेपाल-भारत संबंधों को नुकसान पहुंचाना है।”

–आईएएनएस