नई दिल्लीए 20 फरवरी (जनसमा)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा ‘‘यह स्पष्ट है कि नेपाल की स्थिरता भारत की सुरक्षा से जुड़ी हुई हैं। प्रधानमंत्री ओली और मैं इस बात से भी सहमत हैं कि दोनों देश बढ़ते हुए अतिवाद और आतंकवाद से उत्पन्न खतरों का मिलकर मुकाबला करेंगे।
मोदी ने कहा ‘‘हम अपने बीच खुली सीमाओं का आतंकवादियों और अपराधियों को दुरुपयोग नहीं करने देंगे। इस संदर्भ में दोनों देशों की “सुरक्षा एजेंसियां अपना सहयोग और मजबूत करेंगी।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि भारत-नेपाल मैत्री के इतिहास का आज एक महत्वपूर्ण दिन है। पद-ग्रहण के पश्चात प्रधानमंत्री ओली जी की इस प्रथम विदेश यात्रा पर मैं उनका, तथा नेपाल के सम्पूर्ण शिष्टमंडल का हार्दिक स्वागत करता हूं। भारत के प्रति नेपाल की गौरवशाली जनता के अथाह प्रेम और सद्भावनाओं का भी मैं हार्दिक अभिनन्दन करता हूं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा नेपाल की आर्थिक उन्नति, विकास तथा संपन्नता में भारत की स्थायी रुचि है। दोनों देशों के बीच के परिवहन गलियारों के विकास के राजमार्ग बन सकते हैं। इसके मद्देनजर, हमारे देशों के बीच में दो और आवागमन केंद्र खोलने पर आज हुई सहमति महत्वपूर्ण है। इन आवागमन मार्गों का खुलना क्षेत्रीय आर्थिक विकास तथा संपर्क को भी प्रबल बनायेगा।
मोदी ने कहा कि नेपाल और भारत कई पनविद्युत परियोजनाओं पर कार्यरत हैं। इन की कुल क्षमता लगभग 7000 मेगा वाट है। इन परियोजनाओं का शीघ्र और सफल निर्माण नेपाल की आर्थिक संपन्नता का प्रमुख मार्ग बन सकता है। मुजफ्फरपुर-धलकेवार ट्रांसमिशन लाइन जिसका हमने अभी अभी उद्घाटन किया है, यह नेपाल को लगभग 80-मेगावाट बिजली शीघ्रता से उपलब्ध करायेगी। आने वाले दो सालों में यही लाइन 600-मेगावाट बिजली नेपाल को प्रदान करेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा “नेपाल के तराई क्षेत्र में सड़क निर्माण पर आज हुआ समझौता व्यापार बुनियादी ढांचे को और मजबूती प्रदान करेगा। पिछले वर्ष नेपाल ने एक भयंकर भूकंप से उत्पन्न त्रासदी का सामना किया था। आपदा नेपाल पे आयी, किन्तु पीड़ा हर भारतीय को भी हुई। भूंकप उपरांत नेपाल के पुर्ननिमार्ण की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए, भारत ने एक बिलियन डॉलर के सहायता पैकेज की घोषणा की थी। इस क्षेत्र मे आज हुए दो समजौते, एक 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुदान का तथा दूसरा 750 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण, हमारी सहभागिता को और आगे ले जायेंगे। इस सन्दर्भ में, प्रधानमंत्री ओली की भुज यात्रा नेपाल के भूकंप के बाद के निर्माण कार्य मे लाभकारी सिद्ध होगी।”
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