कवर्धा, 25 अप्रैल। छत्तीसगढ़ शासन के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बालिकाओं के प्रति समाज के सकारात्मक सोच तथा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बालिका बचाओ, बालिका पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना सहित अनेक योजनाएं तथा कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। राज्य में घटते लिंगानुपात तथा बालिकाओं के प्रति समाज में सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने के लिए ‘नोनी सुरक्षा योजनाए’ संचालित की जा रही। इस योजना के तहत बीपीएल परिवार जिनके दो बालिका हैं ऐसे परिवारों को लाभान्वित किया जाएगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रिंयका ठाकुर ने बताया कि ‘नोनी सुरक्षा योजना’ के अंतर्गत बालिका का जन्म एक अप्रैल 2014 के बाद होना चाहिए। इसके लिए सक्षम प्राधिकारी ग्राम पंचायत, नगरीय निकाय द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य होगा। बालिका की माता छत्तीसगढ़ राज्य की मूल निवासी होनी चाहिए। इसके लिए तहसीलदार, नायब तहसीलदार द्वारा जारी प्रमाण पत्र अथवा बीपीएल कार्ड, स्वास्थ्य बीमा कार्ड संलग्न किया जा सकता है। बालिका गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवार की होनी चाहिए।
योजना के अंतर्गत पंजीकृत बालिका का 18 वर्ष तक विवाह ना होने एवं कक्षा बारहवीं तक शिक्षा पूर्ण होने पर ही योजना का लाभ मिलेगा। पात्रता का निर्णय एवं प्रकरण मान्य अथवा अमान्य करने का पूर्ण अधिकार जिला कलेक्टर को दिया गया है।
इसके अलावा दूसरी बालिका होने की स्थिति में स्थाई परिवार नियोजन विकल्प अपनाए जाने संबंधी प्रमाण पत्र शासकीय चिकित्सालय में नसबंदी कराए जाने पर शासकीय चिकित्सक तथा निजी चिकित्सालय में नसबंदी कराए जाने की स्थिति में संबंधित पंजीकृत चिकित्सक, नर्सिंग होम द्वारा जारी प्रमाण पत्र प्र्रथम अथवा द्वितीय बालिका होने के संबंध में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, सरपंच, पार्षद, पंचायत सचिव द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र होना चाहिए।
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