नई दिल्ली, 5 जून| नौसेना अधिक से अधिक सौर तथा महासागरीय ऊर्जा का इस्तेमाल करेगी, ताकि कार्बन उत्सर्जन कम किया जा सके। इसके लिए इसने 21 मेगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है और बिजली उत्पादन के लिए महासागरीय ऊर्जा के दोहन पर भी विचार कर रही है। नौसेना ने रविवार को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर एक बयान में कहा कि इसके लिए अपने बजट का 1.5 फीसदी हिस्सा अक्षय ऊर्जा उत्पादन पर खर्च किया जाएगा।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि नौसेना ने 21 मेगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जिसे तीन चरणों में लागू किया जाएगा।
यह पहल 2022 तक 100 गीगावाट सौर प्रणाली की स्थापना के लक्ष्य को हासिल करने के लिए नेशनल मिशन से जुड़ा है।
बयान में कहा गया, “नौसेना ने अपने बजट का 1.5 फीसदी हिस्सा अक्षय ऊर्जा उत्पादन की दिशा में इस्तेमाल करने का भी प्रण लिया है।”
कहा गया, “इस योजना के तहत देशभर में सभी कमानों पर विभिन्न नौसना स्टेशनों पर सौर परियोजनाओं को चालू किया जा रहा है। कम जमीन वाले नौसेना स्टेशनों ने छत पर लगे सौर पीवी पैनलों का सहारा लेना शुरू कर दिया है।”
बयान में यह भी कहा गया कि देश में अक्षय ऊर्जा परिदृश्य में सौर व पवन ऊर्जा का दबदबा है, हालांकि नौसेना महासागरों में भी अक्षय ऊर्जा की संभावनाएं तलाश रही है।
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