न्यायपालिका को लक्ष्मण रेखा नहीं लांघनी चाहिए : जेटली

हैदराबाद, 15 मई | केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि वह सर्वोच्च न्यायालय का सम्मान करते हैं, लेकिन न्यायालय को अन्य क्षेत्रों में हस्तक्षेप करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।

नरेंद्र मोदी सरकार के दो वर्ष के मौके पर एक व्यापक साक्षात्कार में जेटली ने प्रधानमंत्री को कड़ी मेहनत करने वाला व्यक्ति बताया और उन्होंने यह भी कहा कि वह 7.5 प्रतिशत विकास दर से संतुष्ट नहीं हैं।

जेटली ने उत्तराखंड के राजनीतिक घटनाक्रम के संदर्भ में ईटीवी से कहा कि न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका में से हर किसी को अपनी लक्ष्मण रेखा का सम्मान करना चाहिए।

उन्होंने कहा, “हर किसी को उसका सम्मान करना चाहिए। किसी को भी दूसरे के क्षेत्र में दखल देने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।”

भाजपा नेता ने कहा कि अनुच्छेद 356 और राष्ट्रपति शासन पर बहस कोई नया नहीं है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगा कर कोई गलती नहीं की थी।

जेटली के अनुसार, उत्तराखंड में 18 मार्च को सदन में बहुमत परीक्षण होना था और उसी दिन कांग्रेस सरकार के पास बहुमत समाप्त हो गया था।

वित्तमंत्री ने कहा, “मौजूदा बहुमत परीक्षण जब हुआ तब सदन में बहुमत का समीकरण बदल गया था।”

जेटली उत्तराखंड और सर्वोच्च न्यायालय के उन आदेशों की तरफ इशारा कर रहे थे, जिसके तहत कांग्रेस के नौ बागी विधायकों को विधानसभा में बहुमत परीक्षण के दौरान मतदान में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी गई, और यही स्थिति हरीश रावत सरकार की वापसी में मददगार साबित हुई।

जेटली ने यह भी कहा कि कर सरकार के अधीन आता है, न कि न्यायपालिका के अधीन। इसलिए कराधान पर सरकार को निर्णय लेना होता है, न कि न्यायालय को।

जेटली ने मोदी को एक जोरदार संप्रेषक बताया और कहा कि उनके पास हर क्षेत्र के बारे में जानकारी है और एक स्पष्ट दृष्टिकोण है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कठिन मेहनत करने वाले व्यक्ति हैं और अपने सहयोगियों से काम लेने की क्षमता रखते हैं। जेटली ने दुनिया में देश की छवि बदलने का श्रेय मोदी को दिया।

वित्तमंत्री ने कहा कि वह 7.5 प्रतिशत विकास दर से खुश नहीं हैं।

उन्होंने जीएसटी का विरोध करने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया और सभी पक्षों में सहमति बनाने व विधेयक को पारित कराने का संकल्प लिया।

जेटली ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया कि उन्हें अपने राज्य पर ध्यान देना चाहिए। नीतीश ने हाल ही में मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भाजपा और आरएसएस पर जमकर निशाना साधा था।

जेटली ने कहा, “नीतीश को बिहार में कानून-व्यवस्था पर अधिक ध्यान देना चाहिए।”

अगस्तावेस्टलैंड सौदे पर उन्होंने कहा कि जब रिश्वत देने वालों को सजा सुनाई गई है और बिचौलियों की पहचान हो गई है, तब मुद्दा यह है रिश्वत लेने वाले कहा हैं। उन्होंने कहा कि रिश्वत लेने वालों की तलाश जारी है।

जेटली ने कहा कि पहले बैंकों पर गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों को छुपाने का दबाव था। अब बैंकों को जानबूझ कर दिवाला बोलने वालों से धन वसूलने का पूरा अधिकार है।

–आईएएनएस