वाशिंगटन, 22 मार्च | अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से सर्वोच्च न्यायालय के लिए मनोनीत न्यायाधीश नील गोर्सच ने कहा कि जब संघीय न्यायाधीशों पर हमले होते हैं तो उन्हें ‘निराशा’ और ‘हताशा’ होती है। उनकी यह टिप्पणी राष्ट्रपति द्वारा संघीय न्यायाधीशों पर किए जाने वाले हमलों के संदर्भ में आई है। उन्होंने मंगलवार को सीनेट में सुनवाई के दौरान कहा, “जब कभी कोई किसी संघीय न्यायाधीश की ईमानदारी, शुचिता या उद्देश्यों की आलोचना करता है तो मुझे निराशा होती है और यह मनोबल गिराने वाला होता है।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या उनका संदर्भ ट्रंप से है तो गोर्सच ने कहा, “यह कोई भी हो सकता है।”
गोर्सच का यह बयान ट्रंप के यात्रा प्रतिबंध संबंधी आदेशों के खिलाफ दिए गए अदालती निर्णयों के बाद राष्ट्रपति द्वारा संघीय न्यायाधीशों की अलोचना किए जाने पर आया है।
गोर्सच ने कहा, “मुझे किसी भी पार्टी के पक्ष में या उसके खिलाफ फैसला देने में कोई मुश्किल नहीं है। यह संबंधित मामले में कानून व तथ्यों पर निर्भर करेगा। रिपब्लिकन या डेमोक्रेट न्यायाधीश जैसी कोई अवधारणा नहीं है। हम सभी बस इस देश के न्यायाधीश हैं।”
गोर्सच इस वक्त यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर द टेंथ सर्किट में कार्यरत हैं। उन्हें ट्रंप ने सर्वोच्च न्यायालय के दिवंगत न्यायाधीश एंटोनिन स्कैलिया की जगह नामित किया है। न्यायाधीश एंटोनिन का फरवरी 2016 में निधन हो गया था।
डेमोक्रेट सीनेटरों ने ट्रंप मनोनीत न्यायाधीश को खारिज कर दिया है। इससे पहले रिपब्लिकन सदस्यों ने न्यायाधीश एंटोनिन के निधन के बाद उनके स्थान पर तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा मनोनीत न्यायाधीश मेरिक गारलैंड को मंजूरी नहीं दी थी।
गोर्सच सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश तभी बन पाएंगे, जब उन्हें 60 सीनेटरों का समर्थन मिलेगा। यह उनके लिए थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि सदन में रिपब्लिकन सदस्यों की संख्या बस 52 है।
गोर्सच को इसके लिए डेमोक्रेट्स के समर्थन की आवश्यकता होगी। –आईएएनएस
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