नई दिल्ली, 24 अप्रैल| देश में न्यायाधीशों की कमी को देखते हुए इनकी शीघ्रता से नियुक्ति किए जाने पर बल देते हुए प्रधान न्यायाधीश टी.एस. ठाकुर ने सवाल किया कि न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए दिए गए नामों की जांच-पड़ताल में खुफिया ब्यूरो और अन्य एजेंसियों को इतना समय क्यों लगता है। मुख्यमंत्रियों और मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन के बाद मीडिया से बातचीत में प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “सर्वोच्च न्यायालय के कालेजियम द्वारा सिफारिश किए गए न्यायाधीशों की जांच में खुफिया ब्यूरो को इतना समय क्यों लगता है। प्रधानमंत्री या प्रधानमंत्री कार्यालय ब्यूरो को क्यों नहीं कहते कि जांच रिपोर्ट 15 दिन में दे दें।”
उन्होंने कहा, “प्रधान न्यायाधीश सचिवालय को यह पता होना चाहिए कि प्रस्ताव कहां अटका है। मुझे पता होना चाहिए कि फाइल सचिव के पास खुफिया ब्यूरो में अटका है। अगर कोई नाम स्वीकार्य नहीं है तो इस पर स्पष्ट कहा जाना चाहिए। लोग न्याय के लिए चीख रहे हैं।”
केंद्रीय कानून मंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि अदालतें कुल स्वीकृत पदों में से 50 फीसदी से ही काम चला रही हैं।
Follow @JansamacharNews