न्यायालय ने ओबामा की आव्रजन नीति पर रोक लगाई

वाशिगटन, 24 जून | अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रपति बराक ओबामा की आव्रजन नीति पर 4-4 की बराबरी के निर्णय से रोक लगा दी है, जिससे करीब 50 लाख अवैध आप्रवासियों का मामला अधर में लटक गया है। यह लातिन अमेरिकी नेताओं के सम्मेलन में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, नेशनल एसोसिएशन ऑफ लेटिनो इलेक्टेड एंड अपॉइंटेड ऑफिशियल्स (एनएएलइओ) के अध्यक्ष अरतुरो वर्गस ने यहां आयोजित एनएएनइओ के सालाना सम्मेलन के दौरान कहा, “समुदाय बेहद निराश है।”

अमेरिका के सबसे महत्वपूर्ण हिस्पैनिक संगठनों में से एक एनएएलइओ का शुक्रवार से वाशिंगटन में सम्मेलन हो रहा है, जो 25 जून तक चलेगा। इसमें देश भर के हजारों लैटिनो अधिकारी और राष्ट्रीय नेता भाग लेंगे।

सर्वोच्च अदालत ने ओबामा की लाखों अवैध प्रवासियों को वैध करने की योजना पर रोक लगा दी है और वर्गस को भी ‘सर्वोच्च न्यायालय से यही उम्मीद थी।’ इस फैसले पर विचार के दौरान चार उदारवादी न्यायाधीशों और चार रुढ़िवादी न्यायाधीशों के बीच फैसला बराबरी पर रहा।

सर्वोच्च न्यायालय के आठ न्यायाधीशों ने इस पर अपना फैसला सुनाया, जबकि नौवें न्यायाधीश अति रुढ़िवादी न्यायमूर्ति एंटोनिन स्केलिया की पिछले फरवरी में मौत हो गई थी। इससे अवैध रूप में अमेरिका में रह रहे प्रवासियों को निर्वासन के खतरे से बचाने की ओबामा की योजना पर पानी फिर गया है।

वर्गस ने आगे कहा कि आव्रजन सुधार विधेयक को उन्नत बनाना चाहिए, क्योंकि यही ‘एकमात्र कानून है, जो स्थिति ठीक कर सकता है।’

इस सम्मेलन में भाग लेनेवालों में विभिन्न राजनैतिक नेताओं के साथ ही कैलिफोर्निया के कांग्रेसी और हाउस डेमोक्रेटिक कॉकस के चेयरमैन जेबियर बेसेरा भी थे।

बेसेरा ने सालाना सम्मेलन में दिए गए अपने भाषण में कहा, “सर्वोच्च न्यायालय के जो आठ न्यायाधीश हैं, उन्हें बताना होगा कि क्या हमारे रिश्तेदार, पड़ोसी या मित्र को छाया से उबरने या क्या हमारे बच्चों को उच्च शिक्षा तक पहुंच बनाने का मौका मिलेगा।”

हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति पद के दोनों संभावित उम्मीदवारों -डेमोक्रेटिक पार्टी की हिलेरी क्लिंटन और रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप- ने एनएएलइओ के आमंत्रण को अस्वीकार कर दिया। सीनेटर बर्नी सैंडर्स, जिन्होंने ‘व्यापक आव्रजन सुधार विधेयक’ पर लैटिनों के मत से जीत हासिल की थी, ने इस सम्मेलन में भाग लिया।                    –आईएएनएस