उद्योग

पंजाब के सरहदी जिलों में उद्योग के विकास पर अधिक ज़ोर

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य में आर्थिक गतिविधियों को और आगे बढ़ाने के लिए पंजाब के सरहदी जिलों में उद्योगों के विकास पर अधिक ज़ोर देने का ऐलान किया।

मुख्यमंत्री ने मोहाली में 23 और 24 फरवरी को होने वाले पंजाब निवेश सम्मेलन की तैयारियों के हिस्से के तौर पर यहाँ उद्योगपतियों के साथ बातचीत करते हुये राज्य की सरहदी पट्टी को पूरी तरह नजरअन्दाज करने के लिए पिछली सरकारों की तीखी आलोचना की।

उन्होंने कहा कि इन सरकारों ने सरहदी जिलों के निवासियों के देश के लिए डाले कीमती योगदान को नजरअन्दाज करके उनके साथ पूरी तरह धोखा किया है।

भगवंत मान ने सरहदी इलाकों के निवासियों को ’सच्चे देश भगत’ बताते हुये कहा कि उन्होंने देश की एकता और अखंडता को कायम रखने के लिए हर कठिनाई को बर्दाश्त किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के विभाजन और आज़ादी के बाद पाकिस्तान के साथ जंगों ने पंजाब के सरहदी कस्बों के विकास और खुशहाली को गहरी चोट पहुंचायी है।

उन्होंने कहा कि यह कस्बे जो कभी अविभाजित पंजाब के औद्योगिक और व्यापारिक केंद्र थे, अब छोटे-छोटे व्यापारिक केन्द्रों के तौर पर सिमट कर रह गए हैं। भगवंत मान ने कहा कि सिर्फ़ यही नहीं, बल्कि सरहद पर मामूली तनाव का भी खामियाजा इन सरहदी शहरों के लोगों को भुगतना पड़ता है।

मुख्यमंत्री ने अफ़सोस ज़ाहिर किया कि देश की एकता और अखंडता को बरकरार रखने में इन लोगों के कीमती योगदान को मान्यता देने की बजाय पिछली राज्य सरकारों ने इन क्षेत्रों की तरफ से पूरी तरह आँखें मूंद ली थीं।

उन्होंने कहा कि इन कस्बों के मेहनती और बहादुर लोगों ने राज्य में उद्योगों को विकसित करने में बड़ा योगदान डाला है। भगवंत मान ने कहा कि इसके बावजूद पिछली सरकारों ने उनके उद्योगों को प्रफुल्लित करने के लिए कुछ नहीं किया।

मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि राज्य सरकार सरहदी कस्बों में उद्योग के व्यापक विकास के लिए जल्दी ही एक नक्शा तैयार करेगी।

उन्होंने कहा कि पंजाब को एक तरफ़ उद्योग के केंद्र के तौर पर विकसित करना और दूसरी तरफ़ नौजवानों के लिए रोज़गार के नये रास्ते खोलना समय की मुख्य ज़रूरत है।

पर्यटन क्षेत्र की अथाह संभावनाओं का लाभ उठा कर राज्य भर के पर्यटन उद्योग को बड़ा प्रोत्साहन देने का ऐलान करते हुये भगवंत मान ने रणजीत सागर डैम की मिसाल देते हुये कहा कि राज्य को कई कुदरती स्त्रोतों की देन है, जिनको अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थानों के तौर पर विकसित किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने उम्मीद ज़ाहिर की कि इन पर्यटन केन्द्रों में राज्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन के नक्शे पर लाने की बड़ी क्षमता है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राज्य में मौजूदा औद्योगिक इकाईयों की सुरक्षा, तरक्की और विस्तार के लिए ठोस प्रयास करेगी।

भगवंत मान ने कहा कि उद्योगपतियों ने देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि पंजाब के उद्योगों ने विश्व भर में अपने लिए विशेष स्थान बनाया है और राज्य सरकार इनके हितों की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए हर संभव यत्न करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह यकीनी बनाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जायेगी कि यह मौजूदा इकाईयाँ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अन्य उद्योगों के साथ मुकाबला करने के योग्य हो सकें।

उन्होंने आगे कहा कि राज्य भर में यह विचार-विमर्श सैशन करवाने का मुख्य मंतव्य 23 और 24 फरवरी को मोहाली में होने वाले प्रगतिशील पंजाब निवेशक सम्मेलन में स्थानीय उद्योगों की अधिक से अधिक शमूलियत यकीनी बनाना है।

मुख्यमंत्री ने दोहराया कि स्थानीय उद्योग को विश्व भर में पंजाब को औद्योगिक हब के तौर पर उभारने के लिए राज्य का ब्रांड अम्बैसडर बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में उद्योगों के लिए सबसे अधिक बेहतरीन माहौल मुहैया करवाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया भर में पंजाबियों को उनकी सख़्त मेहनत और उद्यमी गुणों के कारण जाना जाता है। उन्होंने कहा कि पंजाबी उद्यमियों ने वैश्विक स्तर पर अपनी काबिलीयत को सिद्ध भी किया है और अब दुनिया के आगे राज्य के अथाह सामर्थ्य को अभिव्यक्त करने का समय आ चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह उद्योगपतियों को सम्मेलन के लिए न्योता देने के लिए चेन्नई, हैदराबाद और मुंबई गए थे।

उन्होंने कहा कि इन महानगरों के औद्योगिक अदारे राज्य में औद्योगिक विकास की असीम संभावनाओं के बारे जान कर हैरान थे। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार के अथक यत्नों स्वरूप यह उद्योगपति अब पंजाब में निवेश करने के लिए तैयार हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने उद्योग और वाणिज्य को और बढ़ावा देने के लिए पंजाब के लिए नयी औद्योगिक नीति लागू की है। उन्होंने कहा कि यह नीति सभी भाईवालों ख़ास कर उद्योगपतियों के साथ विचार-विमर्श के बाद तैयार की गई है। भगवंत मान ने कहा कि इस नीति के सम्बन्ध में यदि कोई और सुझाव है तो हम उसका स्वागत करेंगे।