लांबी (पंजाब), 2 फरवरी | पंजाब के राजनीतिक इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है। यह पहली बार है जब दो मुख्य राजनीतिक दलों के क्षत्रप आमने-सामने एक-दूसरे को ताल ठोंक रहे हैं। यहां, लांबी में, लड़ी जा रही चुनावी जंग सबसे जुदा, सबसे बड़ी है।
पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके अकाली दल के प्रकाश सिंह बादल अपने निर्वाचन क्षेत्र लांबी में शायद अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी राजनैतिक चुनौती का सामना कर रहे हैं। और, उन्हें यह चुनौती पेश कर रहे हैं कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार अमरिंदर सिंह।
दक्षिण पश्चिम पंजाब के मुक्तसर जिले की लांबी सीट पर चुनावी मुकाबले को और कड़ा बनाने में आम आदमी पार्टी (आप) ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी है। उसने यहां से दिल्ली के पूर्व विधायक जरनैल सिंह को मैदान में उतारा है। यह वही जरनैल सिंह हैं जिन्होंने 1984 के दंगा पीड़ितों को इंसाफ मिलने में हो रही देरी के विरोध में 2009 में तत्कालीन गृह मंत्री पी. चिदंबरम पर जूता फेंका था।
लांबी के किसान सरबजीत सिंह ने आईएएनएस से कहा, “सभी निगाहें इसी पर टिकी हैं कि लांबी में क्या होगा। यह इस सीट पर, यहां तक की पंजाब में अभी तक का सबसे दिलचस्प मुकाबला है। दो बड़े नेता कभी ऐसे आमने-सामने नहीं आए। यह सभी (चुनावी) जंगों की जननी है।”
लांबी प्रकाश सिह बादल की 1997 से ही पारंपरिक सीट रही है। अमरिंदर सिह (75) अपनी पारंपरिक सीट पटियाला से भी चुनाव लड़ रहे हैं और आश्वस्त हैं कि लांबी में वह बादल को मात दे देंगे।
अमरिंदर ने कहा, “मैं उन्हें यहां बुरी तरह हराऊंगा। मैं यहां इसलिए आया हूं (चुनाव लड़ने) क्योंकि मैं उन्हें पंजाब को बरबाद करने की वजह से सबक सिखाना चाहता हूं।”
आप प्रत्याशी जरनैल सिंह का अधिक ध्यान निजी स्तर पर लोगों से मिलने और छोटी सभाएं करने पर है।
जरनैल ने कहा, “मुझे लोगों से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। लोग अकाली दल नेतृत्व की ज्यादतियों से और कांग्रेस से आजिज आ चुके हैं। हमारी जीत तय है।”
तगड़े मुकाबले की वजह से इस बार प्रकाश सिंह बादल को लांबी में अधिक समय देना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, “मैं आराम से जीतूंगा। वे (अमरिंदर व जरनैल) यहां से अपनी किस्मत आजमा सकते हैं लेकिन उन्हें कुछ हासिल होने वाला नहीं है। यह निजी नहीं, राजनैतिक लड़ाई है।” –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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