नई दिल्ली, 3 मई | संसद की एक समिति ने कहा है कि पंजाब में पठानकोट वायुसेना अड्डे की सुरक्षा मजबूत नहीं थी। समिति ने गत दो जनवरी को वहां हुए आतंकी हमले से पहले सुरक्षा खामियों पर भी उंगली उठाई है। गृह मंत्रालय की संसदीय स्थाई समिति ने कहा है कि वायुसेना अड्डे का सुरक्षा कवच मजबूत नहीं था और इसकी चारदीवारी पर नजर रखने की व्यवस्था भी कमजोर थी। गश्त लगाने के लिए वायुसेना अड्डे के चारों ओर सड़कें भी नहीं थीं।
समिति की रपोट मंगलवार को संसद के पटल पर रखी गई।
संसदीय समिति ने वायुसेना अड्डे का दौरा किया था। समिति ने सवाल किया है कि आखिर पाकिस्तान से आए आतंकवादी वायुसेना अड्डे में घुसने में कैसे कामयाब हो गए थे।
समिति ने कहा है, “यह बात समिति की समझ से परे है कि जब काफी पहले ही आतंकी अलर्ट जारी किया गया था, फिर भी आतंकवादी उच्च सुरक्षा वाले वायुसेना अड्डे में घुसने में कामयाब रहे और वहां हमले किए।”
समिति ने सरकार को सुझाव दिया है कि पाकिस्तान से लगी सीमा पर गश्त बढ़ाकर, बाड़ लगाकर और फ्लड लाइटें लगाकर सीमा को प्रभावी ढंग से सील करने पर ध्यान दे।
उल्लेखनीय है कि वायुसेना अड्डे पर गत दो जनवरी को पाकिस्तान से आए आतंकवादियों के हमले में सात भारतीय सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे।
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