चंडीगढ़, 16 जनवरी । पठानकोट आतंकवादी हमले की जांच के दौरान बार-बार माझा के एक बड़े सियासी नेता का नाम चर्चा में आ रहा है। पठानकोट आतंकी हमले की शुरुआती जांच से ही एजेंसियों को गुरदासपुर, पठानकोट के सीमावर्ती क्षेत्र में पुलिस, राजनीतिज्ञों और नशा तस्करों के आपसी रिश्तों की भनक मिलने लगी थी।
चर्चे हैं कि जांच का केंद्र बने एसपी सलविंदर सिंह की सरहदी क्षेत्र के एक फार्म हाऊस में इस नेता के साथ मुलाकात हुई और यह मुलाकात एसपी के अगवा कांड की घटना से पहले हुई बताई जा रही है। इस सबको ध्यान में रखकर जांच एजेंसियां मामले की तह तक पहुंचने में लगी हैं।
एक न्यूज चैनल ने भी दावा किया है कि एसपी सलविंदर सिंह गुरदासपुर क्षेत्र के एक प्रभावशाली नेता जोकि पंजाब में मंत्री भी रह चुके हैं, की गुडबुक में शामिल थे। इसी नेता ने एसपी सलविंदर सिंह की बदली रुकवाने के लिए पंजाब पुलिस के प्रमुख को फोन भी किया था।
गौरतलब है कि पठानकोट में एअरफोर्स स्टेशन पर हुए आतंकी हमले की शुरुआती जांच से ही पंजाब की सत्ताधारी पार्टी के एक वरिष्ठ व माझा के बड़े नेता, जो मंत्री पद तक पर भी आसीन रहे हैं, शक के घेरे में हैं।
गुरदासपुर के जिस एसपी सलविंदर सिंह को उसके साथियों सहित 31 दिसंबर की रात को पठानकोट के नजदीक सरहदी क्षेत्र से आतंकियों ने अगवा किया था, उसने कथित तौर पर एक स्थानीय बड़े नेता से मुलाकात की थी। वही, गृह मंत्रालय ने कहा कि अगले हफ्ते एसपी का लाई-डिटेक्टर टेस्ट किया जाएगा। एनआईए एसपी के बयानों से संतुष्ट नहीं है। क्योंकि वह बार-बार बयान बदल रहे हैं।
इसके साथ ही एसपी सलविंदर सिंह तथा एक राजनैतिक नेता के संबंधों को लेकर सोशल मीड़िया पर बहुत कुछ लगातार चर्चा में है।
एसपी व उसके साथियों के विभिन्न ब्यान, एसपी के पास तीन मोबाइल फोन, चार सिम कार्ड, एक सिम किसी और के नाम पर, कुछ अन्य संदिग्ध सामान का मिलना, जांच ऐजेंसियों के लिए उनके खिलाफ शिकंजा कसने का आधार बने हैं।
सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि ऐजेंसियां सलविंदर सिंह व एक बड़े राजनीतिक नेता के संबंधों पर गंभीरता से जांच कर रही है। जिस सौ एकड़ के फार्म हाऊस में इन दोनों के बीच घटना से कुछ समय से पहले मुलाकात की चर्चा है, कहते हैं कि एनआईए की टीम इस फार्म हाऊस का दौरा भी कर चुकी है।
यदि जांच में यह साफ हो जाता है कि आतंकी हमला ड्रग स्मगलिंग की आड़ में हुआ है और इसका नाता एसपी से जुड़ता है तो जांच ऐजेंसियों के हाथ चर्चा में चल रहे इस राजनीतिक नेता के गिरेबान तक भी पहुंच सकते हैं।
जांच पूरी होने से पहले कुछ नहीं कह सकता: डीआईजी
पंजाब पुलिस के डीआईजी बार्डर रेंज कुंवर विजय प्रताप सिंह का कहना है कि जांच के मौजूदा दौर में ही वह मीडिया को कुछ नहीं बता सकते। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस बेशक हमले की जांच कर रही है मगर एनआईए हर पहलू को खंगालने में जुटी है। इसलिए जांच के दौरान एसपी सलविंदर सिंह के ड्रग माफिया के साथ संबंध है या नहीं और इसके पीछे किसी राजनीतिक नेता का भी हाथ है या नहीं, अभी हम जांच पूरी होने से पहले कुछ नहीं कह सकते।
सांसद भगवंत मान ले चुके हैं अकाली नेता का नाम
पठानकोट आतंकी हमले की जांच के दौरान जहां माझे के एक बड़े नेता का नाम चर्चा में है वहीं आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान तो सार्वजनिक तौर पर अकाली दल के एक पूर्व मंत्री का नाम ले चुके हैं। भगवंत मान कुछ दिन पूर्व बठिंडा के सर्किट हाऊस में पत्रकारों के सामने बोल रहे थे कि नशा तस्करों और सियासतदानों का गठजोड है। उन्होंने तो एक वीड़ियो भी अपलोड कर उस नेता का नाम सार्वजनिक किया। मगर इस संबंध में किसी का पलट कर कोई जवाब सामने नहीं आया।
एसपी का मज़ार पर जाने का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल
विवादों में फंसे एसपी सलविंदर सिंह मजारों पर, वहां के समारोहों में शामिल होते हैं और उनके साथ कोई-न-कोई बड़ा राजनीतिक चेहरा भी तस्वीरों के माध्यम से साथ नज़र आता है। सोशल मीडिया पर चल रही सिख नेताओं के साथ इन तस्वीरों पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए विभिन्न पंथक दलों के नेताओं का कहना है कि यदि कोई सिख नेता जिसका संबंध सिखों की धार्मिक संस्थाओं से भी हो, वह यदि किसी दरगाह पर, कब्र पर, पीरों के स्थान पर पूजा करने जाता है तो यह सिख मर्यादाओं के खिलाफ़ है।
आईएसआई पहुंचाती है पंजाब में करोड़ों का ज़हर
एम्स के एक सर्वे में सामने आया है कि पाक के साथ लगती अंतरराष्टÑीय सीमा में पंजाब राज्य में हर वर्ष करीबन 7500 करोड़ रुपए के नशीले पदार्थ आते हैं। इन नशीले पदार्थों में से लगभग 6500 क रोड़ की तो हेरोइन होती है। इस अध्ययन के प्रमुख और सर्वे का नेतृत्व करने वाले डॉ. अतुल अंबेकर का कहना है कि सर्वे में इंजेक्शन द्वारा ड्रग्ज़ लेने वालों का आंकड़ा 75,000 के करीब है। ऐसे में पंजाब में एचआईवी पीड़ितों की संख्या में भी बेतहाशा वृद्धि होने का खतरा है।-हि.स.