नई दिल्ली, 15 मई | बिहार व झारखंड में दो पत्रकारों की हत्या की समस्त पत्रकार समुदाय, राजनेताओं तथा केंद्र सरकार ने कड़ी निंदा की है। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, द इंडियन वूमेन्स प्रेस कॉर्प्स तथा देश के विभिन्न मीडिया संस्थानों ने हत्या को प्रेस की स्वतंत्रता पर सीधा हमला करार दिया, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिहार में पत्रकार की हत्या पर राज्य में कानून-व्यवस्था के हालात के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला किया।
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बिहार तथा झारखंड में पत्रकारों की हत्या की निंदा की और दोषियों को सजा देने के लिए एक स्वतंत्र जांच की मांग की।
फोटो: श्रमजीवी पत्रकार संघ के सदस्यों ने 14 मई,2016 को पटना में बिहार के पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के विरोध में प्रदर्शन किया।
जेटली ने ट्विटर पर कहा, “मैं सिवान में पत्रकार राजदेव रंजन तथा चतरा जिले में पत्रकार अखिलेश प्रताप की हत्या की कड़ी निंदा करता हूं। दोनों मामलों की स्वतंत्र जांच कराकर दोषियों को सजा दी जानी चाहिए।”
सिवान में समाचार पत्र ‘हिंदुस्तान’ के ब्यूरो प्रमुख राजदेव रंजन की शुक्रवार रात स्टेशन रोड के निकट एक व्यस्त बाजार में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
इस मामले में चार संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
वहीं दूसरी घटना झारखंड की है, जहां चतरा जिले में गुरुवार रात एक पत्रकार इंद्रदेव यादव उर्फ अखिलेश प्रताप की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वे एक स्थानीय टेलीविजन चैनल में संवाददाता थे।
भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा, “बिहार चुनाव से पहले हमने कहा था कि अगर महागठबंधन की सरकार सत्ता में आती है, तो बिहार में जंगलराज लौटेगा, लेकिन हम गलत साबित हुए। अब तो ‘महा जंगलराज’ आ गया है।”
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राजवर्धन सिंह राठौड़ ने पत्रकारों की हत्या की निंदा की।
राठौड़ ने ट्वीट किया, “मेरी संवेदनाएं राजदेव रंजन व अखिलेश प्रताप सिंह के परिजनों के साथ हैं। ऐसे लोगों की हत्या अस्वीकार्य है। दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग करता हूं।”
वहीं, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया तथा समस्त पत्रकार समुदाय ने बिहार व झारखंड में दो पत्रकारों की हत्या की श्निवार को निंदा की और केंद्र व राज्य सरकार दोनों से ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष राहुल जलाली ने कहा, “बिहार में राजदेव रंजन तथा झारखंड में अखिलेश प्रताप की हत्या लक्षित थी और यह माफिया द्वारा मीडिया की स्वतंत्र आवाज को दबाने का प्रयास है।”
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के महासचिव नदीम अहमद काजमी ने कहा, “इस संदर्भ में हम मांग करते हैं कि केंद्र व राज्य सरकारें दोनों मिलकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें और देश में मीडिया के लिए एक स्वतंत्र व निष्पक्ष माहौल बनाएं।”
उन्होंने कहा, “हम देश भर के मीडिया संगठनों से अपील करते हैं कि वे एक साथ आएं और इस बात पर चर्चा करें कि प्रेस की आजादी पर इस तरह के हमलों का कैसे विरोध किया जाए। इस संदर्भ में हम अपने मंच को सभी मीडिया संगठनों को एक साथ आने और इनसे निपटने के लिए एक कार्ययोजना की रणनीति तैयार करने की पेशकश करते हैं।”
भाजपा महासचिव भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया पर नीतीश पर निशाना साधा।
उन्होंने ट्वीट किया, “आम आदमी की तो छोड़िए, बिहार में पुलिस व प्रेस भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करता है। नीतीश सरकार में हर ओर अराजकता फैली है।”
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्वीट किया, “अभी तो गया का आंसू सूखा भी नहीं था कि सिवान में एक पत्रकार की हत्या हो गई।”
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