शिमला, 16 नवंबर (जस)। पत्रकार की कलम की धार ही उसकी वास्तविक पहचान है। पत्रकारिता में साहस, धैर्य एवं संयम जैसे आवश्यक गुण उसे संवदेनशील तथा जिम्मेवार बनाते हैं। सुविधा भोग एवं हर रोज छपने की उत्कंठा पत्रकारिता के विकास में बाधक है। भाषा, विचार, विषय एवं संवाद पत्रकारिता की परिभाषा, दशा और दिशा तय करते हैं। प्रदेश में विकासात्मक रिपोर्टिंग की स्थिति दयनीय है। पत्रकारों को विकासात्मक रिपोर्टिंग पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि सरकार द्वारा किए जा रहे अच्छे कार्यों को समाचार पत्रों में उचित स्थान प्राप्त हो सके और लोगों को सरकार द्वारा उनके कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी प्राप्त हो सके। पत्रकारों को हिमाचल के सरोकारों से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता से उठाते हुए प्रदेश जनहित को प्रमुखता देनी चाहिए।
यह विचार हिमाचल प्रदेश के सूचना एवं जन सम्पर्क तथा उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बुधवार को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर धर्मशाला के कैबिनेट हाॅल में आयोजित राज्य स्तरीय सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए। ‘संघर्ष क्षेत्र से रिपोर्टिंग, मीडिया के लिए चुनौती’ विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में दिव्य हिमाचल के प्रधान संपादक अनिल सोनी, आपका फैसला के संपादक अशोक ठाकुर तथा हिमाचल दस्तक के संपादक हेमंत कुमार ने बतौर वक्ता अपने अनुभव साझा किए। सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के निदेशक आरएस नेगी ने मुख्यातिथि तथा अन्य प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए अपने विचार रखे।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश के इतिहास, मंदिरों एवं शहीदों को कलमबद्ध किया जाना चाहिए। उन्होंने पत्रकारों के सुझावों, विचारों और आलोचनाओं का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पत्रकारों के कल्याणार्थ पत्रकार कल्याण कोष की स्थापना की गई है। पत्रकार दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत अब तक प्रदेश के 350 पत्रकारों को लाया जा चुका है।
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