भोपाल, 03 जून (जनसमा) मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में पहली बार माँ बनी बाघिन पी-234 अपने दो शावक के साथ देखी गयी। यह पहला मौका था जब पार्क प्रबंधन को न केवल शावक दिखे, बल्कि बाघिन के साथ दोनों शावक के छायाचित्र भी केमरे में ट्रेप हुए।शावकों की उम्र लगभग 2 माह है। बाघिन पी-234 रिजर्व में पुन:स्थापित बाघिन टी-2 की संतान है। जनवरी में यहाँ एक और बाघिन पन्ना-213 ने भी तीन शावकों को जन्म दिया था। इन सभी शावकों को सम्मिलित करते हुए वर्तमान में पन्ना टाइगर रिजर्व में कुल 33 बाघ हो गये हैं।
खुशखबर यह है कि बाघशून्य हो चुके पन्ना टाइगर रिजर्व में वर्ष 2009 से शुरू हुई बाघ पुन:स्थापित योजना ने अब तीसरी पीढ़ी की शुरूआत कर दी है। बाघिन पन्ना-213 और पी-234 पुन:स्थापित बाघिन टी-2 की ही संतानें हैं। पुन:स्थापित बाघों ने विश्व में मिसाल पेश की है और अब पन्ना में जन्मे बाघों की संतानें रिजर्व को समृद्ध कर रही हैं।
मध्यप्रदेश के पन्ना लेण्डस्केप में बाघों के स्थापित होने में पन्ना टाइगर रिजर्व की विशेष भूमिका रही है। पन्ना टाइगर रिजर्व के आसपास के वनों में बाघों का पार्क सीमा से बाहर विचरण भी प्रारंभ हुआ है।
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