नई दिल्ली, 9 अप्रैल | देश में एक वर्ष में 100 एमएन टन परिवहन तक की क्षमता तक पहुंचने वाला कांडला बंदरगाह पहला प्रमुख बंदरगाह बन गया है जबकि जेएनपीटी 12 प्रतिशत के कुशलता सुधार के माध्यम से एक हजार करोड़ रूपये के सकल लाभ तक पहुंचने वाला पहला प्रमुख बंदरगाह बन गया है।
शनिवार को राष्ट्रीय सागरमाला सर्वोच्च समिति की दूसरी बैठक के बाद संवाददाताओँ को संबोधित करते हुए केन्द्रीय जहाजरानी, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि देश में बंदरगाह क्षेत्र के लिए वित्तीय वर्ष 2015-16 ऐतिहासिक रहा है। इस दौरान 34 पूँजी निवेश परियोजना के माध्यम से 94 एमपीपीए क्षमता का संवर्धन किया गया जो प्रमुख बंदरगाहों के इतिहास में सर्वाधिक है।
उन्होंने कहा कि पारादीप बंदरगाह ने 30 प्रतिशत कुशलता सुधार के साथ सर्वाधिक कोयला लदान के स्तर को प्राप्त किया है। उन्होंने जानकारी दी कि कार्गो संचालन क्षमता में 50 एमपीपीए की वृद्धि हुई है।
बंदरगाह और बंदरगाहों से जुड़े विकास की आवश्यकता पर बल देते हुए गडकरी ने कहा कि आगामी समुद्री भारत बैठक बेहद महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने कहा कि बंदरगाहों से जुड़े विकास कार्यों में सीधे तौर पर 40 लाख लोगों के रोजगार सृजन और अप्रत्यक्ष रूप से 60 लाख लोगों को रोजगार देने की क्षमता है।
गडकरी ने कहा कि बंदरगाहों के आधुनिकीकरण और नए बंदरगाह/टर्मिनलों के विकास के लिए 72,818 करोड़ रूपये की परियोजनाओं का फैसला किया गया है।
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