नई दिल्ली, 13 जनवरी(हि.स.)। अपनी कुछ गैर प्रमुख परिसंपत्तियों को बेचने और कुछ अनुषंगियों के शेयरों को बाजार में सूचीबद्ध कराने के लिए भारतीय स्टेट बैंक ने एक योजना बनाई है जिससे पूंजी की जरूरत को पूरा किया जा सके।
एसबीआई की अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा कि कंपनी को बेसल-3 मानक के अनुसार अपने पूंजी आधार को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त पूंजी की जरूरत है। बेसल-3 नियम मार्च 2019 से लागू होंगे। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को बेसल-3 के मानदंड पूरे करने के लिए 1.80 लाख करोड़ रुपए की जरूरत है। इसमें से सरकार सिर्फ सत्तर हजार करोड़ रुपए देगी। शेष राशि बैंक की मुनाफे वाली और कारोबार में कम महत्त्व की परिसंपत्तियों को बेच कर जुटाई जाएगी।
भट्टाचार्य ने ऐसोचैम के समारोह में कहा कि जहां तक हमारा सवाल है हमारे पास कई गैर-प्रमुख परिसंपत्तियां हैं जिन्हें हम बाजार में लाने पर विचार कर रहे हैं। हमारे पास सफल अनुषंगियां हैं जिन्हें हमने सूचीबद्ध नहीं किया है। इसलिए उन पर भी विचार कर सकते हैं।
बैंक ने बीमा उद्यमों – एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस और एसबीआई जनरल में अपनी हिस्सेदारी घटाने की योजना की घोषणा पहले ही कर दी है। अपने जीवन बीमा उद्यम में एसबीआई ने दस फीसदी हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव किया है जबकि साधारण बीमा कंपनी की करीब 23 फीसदी हिस्सेदारी बेची जा सकती है। उन्होंने कहा कि विभिन्न बैंक पूंजी जुटाने के अन्य तरीकों को तलाश कर रहे हैं।
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