राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने वरिष्ठ अभिनेता परेश रावल को राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया है।
परेश रावल को चार वर्षों के लिए एनएसडी सोसाइटी के अध्यक्ष पद के लिए नियुक्त किया गया है।
रावल थिएटर और फिल्म दोनों क्षेत्रों में एक श्रेष्ठ अभिनेता हैं। वे लगभग चार दशकों से फिल्म उद्योग और थिएटर में सेवारत हैं।
रावल 2014 में अहमदाबाद पूर्व निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए थे। उनका कार्यकाल 2019 में समाप्त हुआ था।
परेश रावल को 1994 में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अलावा कई पुरस्कारों से नवाज़ा गया हैं। 2014 में, भारत में मनोरंजन उद्योग में उनके योगदान के लिए उन्हें भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
File photo : Paresh Rawal
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के उपाध्यक्ष डॉ. अर्जुन देव चरण ने परेश रावल की नियुक्ति पर कहा “इसपदकेलिए परेशजी को नियुक्त करने के सरकार के निर्णय से हम अत्यंत प्रसन्न हैं। हमारे छात्रों, संकाय सदस्यों और अन्य लोगों को अनुभवी अभिनेता के साथ काम करने का लाभ मिलेगा। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय को उनके लंबे अनुभव से अत्यधिक लाभ होगा।”
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के प्रभारी निर्देशक प्रो.सुरेश शर्मा ने कहा, “परेश रावल का राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के नए अध्यक्ष के रूप में स्वागत करना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। एक अनुभवी रंगमंच कलाकार होने के नाते परेश जी को एक शानदार अनुभव है, जिससे हमारे छात्रों, संकाय और विद्यालय को लाभ मिलेगा और हमें उनके अनुभवों से एक नई दिशा मिलेगी। उनके समर्थन और मार्गदर्शन से राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के विकास को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया जा सकेगा।”
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय का संक्षिप्त परिचय (एन एस डी):
1959 में स्थापित राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित एक पूरी तरह से स्वायत्त संगठन है। एनएसडी दुनिया में चार सबसे अग्रणी थिएटर प्रशिक्षण संस्थानों में से एक है।
संगीत नाटक अकादमी के तत्वाधान में इसकी स्थापना हुई थी और यह 1975 में एक स्वतंत्र संस्था बनी। यह थिएटर के विभिन्न स्वरूपों में 3 वर्षीय पूर्णकालिक, आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की पेशकश करता है।
संस्थान के पूर्व छात्रों और संकाय सदस्यों की उल्लेखनीय सूची यह सुनिश्चित करती है कि संस्था प्रदर्शन कला के क्षेत्र में शीर्ष पर बनी हुई है। इस प्रतिष्ठित संस्थान से उत्तीर्ण अनेक थियेटर कार्मिकों जैसे नाटककार, अभिनेता, निर्देशक, मंच और लाईट डिजाइनर और संगीत निर्देशकों ने भारतीय थियेटर को समृद्ध किया है और यह कार्य अभी भी जारी है।
रंगमंच के अलावा, एनएसडी के पूर्व छात्रों की कलात्मक अभिव्यक्तियों ने हमेशा अन्य मीडिया में भी अपनी एक अमिट छाप छोड़ी है। एनएसडी के दो परफॉर्मिग विभाग हैं- रेपर्टोरी कंपनी और थियेटर इन एजुकेशन कंपनी (टीआईई) जो क्रमशः 1964 और 1989 में प्रारंभ हुए थे। ऑउटरीच कार्यक्रम के तहत एनएसडी नई दिल्ली के साथ चार केंद्र वाराणसी, गंगटोक, अगरतला और बेंगलूरु में भी स्थापित किए गए हैं।
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