लखनऊ, 12 जून। उत्तर प्रदेश में पर्यटकों की सुविधाओं को और बढ़ाने के लिए जल्द आगरा से वाराणसी वाया लखनऊ के बीच 18-20 सीटों वाली विमान सेवा शुरू की जाएगी। ठीक इसी तर्ज पर लखनऊ, इलाहाबाद, गोरखपुर के बीच भी हवाई सेवा शुरू की जाएगी। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में है। वाराणसी में संत कबीर के जन्म स्थान मगहर में पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों के रुकने के लिए डारमेट्री बनवाई जा रही है और उत्तर प्रदेश के मशहूर व्यंजनों को भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित किया जा रहा है। 25 जून से मैंगो फेस्टिवल का भी आयोजन किया जा रहा है। राज्य के प्रमुख सचिव (पर्यटन) नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश में पर्यटन के कुछ प्रस्ताव भेजे थे, जिन्हें केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है जिसके तहत करीब 300 करोड़ की पर्यटन परियोजनओं को प्रदेश में लागू किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए हाल में नई पर्यटन नीति लागू की है जिसके तहत प्रदेशभर में पर्यटन विभाग के जो होटल नहीं चल रहे थे, उन्हें निजी क्षेत्रों को लीज पर देने की कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही गेस्ट हाउसेज का सौंदर्यीकरण कराया जा रहा है। उनके अनुसार, प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी राज्य सरकार पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रत्येक धार्मिक स्थल को 24 घंटे बिजली की सप्लाई दे रही है।
सहगल ने कहा कि प्रदेश के अंदर पर्यटकों को आने-जाने के लिए वायुयान सेवा शुरू हो जाने के बाद राज्य के पर्यटन से कई गुना अधिक राजस्व मिलने लगेगा।
पर्यटन भवन के सभागार में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सहगल के साथ केंद्रीय पर्यटन सचिव विनोद जुत्शी तथा केंद्र सरकार की संयुक्त सचिव (पर्यटन) सुमन बिल्ला भी मौजूद थीं। इस दौरान जुत्शी ने कहा कि भारत में पर्यटन का सरताज ताजमहल ही है और वह उत्तर प्रदेश में है। उन्होंने कहा कि विदेशी पर्यटकों की आमद में तेजी से इजाफा हो रहा है और दूसरे देशों की तुलना में भारत में पर्यटकों की आमद पिछले दिनों बढ़ी है। उनके अनुसार, भारत को विदेशी पर्यटकों से साल में औसतन एक लाख तीन हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। भारत में पिछले चार माह में पर्यटक वृद्धि दर 15.50 प्रतिशत दर्ज की गई, जो एक रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में तो देसी पर्यटन में तेज उछाल आया हुआ है जहां 15 से 20 फीसदी की वृद्धि दर्ज की जा रही है जो औसतन 12-15 हुआ करती थी।
जुत्शी ने कहा कि भारत के पर्यटन नक्शे पर सबसे पहले ताजमहल है तो दूसरे स्थान पर बौद्ध सर्किट है और वह भी उत्तर प्रदेश में ही है। बौद्ध सर्किट के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र सारनाथ, श्रावस्ती, कपिलवस्तु और कुशीनगर में 100 करोड़ रुपये की सहायता से महात्मा बुद्ध के जीवन, बुद्ध के समय के मंदिर, उस समय के खान-पान और रहन-सहन के साथ-साथ उस काल को लाइट एंड साउंड शो तथा लेजर शो में दशार्या जाएगा।
जुत्शी ने बताया कि केंद्र सरकार रामायण सर्किट के तहत अयोध्या, श्रीगेश्वर (इलाहाबाद) तथा चित्रकूट में बड़े पैमाने पर पर्यटक सुविधाओं को बढ़ाने के लिए उप्र पर्यटन को करीब 100 करोड़ की धनराशि मुहैया कराएगी। इस सर्किट के बारे में उन्होंने कहा कि अयोध्या में अगर धन की कमी हुई तो और धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। चित्रकूट में साइनेज के अलावा एक विजुअल वॉल तैयार की जाएगी, जिस पर थ्रीडी इफेक्ट से उस काल को प्रदर्शित किया जाएगा। चित्रकूट में एक घाट से दूसरे घाट जाने के लिए एक फुटओवर ब्रिज भी तैयार किया जाएगा।
केंद्रीय पर्यटन सचिव ने बताया कि आगामी चार से छह अक्टूबर तक वाराणसी में अंतर्राष्ट्रीय बुद्धा कान्क्लेव का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न देशों के बौद्ध धर्म के अनुयायियों और बौद्ध भिक्षुओं को आमंत्रित किया जाएगा और उन्हें सारनाथ के अलावा बिहार के बोध गया भी ले जाया जाएगा। इस कान्क्लेव में उन्हें बौद्ध सर्किट के तहत आने वाले पर्यटक स्थलों की सैर भी कराई जाएगी।
फोटो: आईएएनएस
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