पटना, 05 फरवरी। बिहार सरकार के प्रधान सचिव, गृह विशेष आमिर सुबहानी ने जानकारी दी है कि माननीय उच्च न्यायालय, पटना ने पर्यावरण को ध्वनि प्रदूषण के कुप्रभावों से मुक्त करने हेतु दायर एक याचिका में पारित आदेश द्वारा राज्य के नगर निगम/नगर निकाय क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण उत्पन्न करने वाले तत्वों एवं यंत्रों के उपयोग को नियंत्रिण करने हेतु कई निदेश जारी किए हैं।
तदनुसार किसी सार्वजनिक स्थल की वाह्य सीमा पर, जहाँ लाउडस्पीकर या पब्लिक एड्रेस सिस्टम या किसी अन्य ध्वनि उत्पन्न करने वाले यंत्र का प्रयोग किया जा रहा हो, वहाँ शोर का स्तर, उस क्षेत्र के लिए मानक ध्वनि स्तर से 10 डी0बी0 (ए) अथवा 75 डी0बी0 (ए), जो भी कम हो, से अधिक नहीं होगा, किसी व्यक्ति के द्वारा रात्रि के 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच, ढोल (Drum or Tomtom) या Trumpet या किसी अन्य शोर उत्पन्न करने वाले वाद्य यंत्र या साउण्ड एम्पलीफायर का उपयोग नहीं किया जाएगा, किसी निजी परिसर में, किसी निजी साउण्ड सिस्टम के द्वारा उत्पन्न शोर का स्तर, उस परिसर की वाह्य सीमा पर, उस क्षेत्र के लिए निर्धारित मानक ध्वनि स्तर से 5 डी0बी0 (ए) से अधिक नहीं होगा, आवासीय क्षेत्र में किसी वाहन द्वारा हॉर्न का उपयोग रात्रि के 10 बजे से सुबह 6 बजे तक, विशेष परिस्थति को छोड कर, नहीं किया जाएगा, सुबह 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक, निर्धारित ध्वनि प्रदूषण की सीमा से बाहर का शोर उत्पन्न करने वाला पटाखों का उपयोग नहीं किया जाएगा तथा रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक शोर उत्पन्न करने वाले पटाखों का उपयोग पूर्णतः वर्जित रहेगा।
माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए उपरोक्त निर्देश सभी निजी, सार्वजनिक एवं धार्मिक समारोहों/कार्यक्रमों/स्थलों पर समान रूप से लागू होंगे। माननीय न्यायालय के उक्त निर्देशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति/संस्था/संगठन के विरूद्ध, आपराधिक मुकदमा के साथ-साथ माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना करने के लिए भी कार्रवाई की जाएगी।
सुबहानी ने इस बाबत सर्वसाधारण से अपील की है कि अपने पर्यावरण को स्वच्छ रखने हेतु माननीय न्यायालय के उक्त निर्देशों का दृढ़तापूर्वक अनुपालन किया जाए।
Follow @JansamacharNews