पश्चिम बंगाल के बीरभूम में तारापीठ मंदिर।

अभिनेत्री लॉकेट चटर्जी 12 मई, 2016 को पश्चिम बंगाल के बीरभूम में तारापीठ मंदिर में।

बीरभूम जिले में रामपुरहाट के पास एक छोटा सा मंदिर शहर है। पश्चिम बंगाल में यह मंदिर, तांत्रिक मंदिर के रूप में जाना जाता है। मंदिर के आसपास महा श्मशान मैदान हैं जहां साधक तांत्रिक अनुष्ठान और साधना करते हैं। शक्ति पीठ से संबंधित एक प्रसिद्ध पौराणिक कथा है। शिव की पत्नी सती के पिता महाराजा दक्ष ने एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया किन्तु उसमें शिव को आमंत्रित नहीं किया तो सती ने अपमानित महसूस किया और आग में अपने को समर्पित कर दिया।

सती के इसप्रकार के बलिदान से शिव आक्रोशित और विचलित होगए और सती के शव को अपने कंधे पर लेकर आकाश मार्ग से लक्ष्यहीन दिशा की ओर निकल पड़े। शिव के आक्रोश को  देखकर देवता घबरा गए और उन्होंने भगवान विष्णु  से अनर्थ को रोकने का अनुरोध किया। देवताओं की विनती पर भगवान विष्णु ने अपने चक्र से सती के शव को कई भागों में खंडित कर दिया। जहां जहां देवी सती के अंग पृथ्वी पर गिरे वह शक्तिपीठ के नाम से विख्यात हुआ। तारापीठ भी उन्हीं में से एक है जहां सती के नेत्र गिरे थे।