कोलकाता, 4 अप्रैल (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल में भीषण गर्मी और उमस को मात देते हुए 40 लाख मतदाताओं में से करीब 81 फीसदी ने पहले चरण के मतदान के तहत अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इस चरण में राज्य के तीन नक्सल प्रभावित जिलों के 18 विधानसभा क्षेत्र में वोट डाले गए। जिन विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ उनमें वामपंथी चरमपंथियोंसे प्रभावित 13 विधानसभा क्षेत्र शामिल थे।
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने नई दिल्ली में कहा कि कुल मिलाकर मतदान शांतिपूर्ण रहा।
अधिकारी ने कहा कि यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है कि हिंसा की कोई घटना नहीं हुई, न कोई घायल हुआ और न किसी व्यक्ति की मौत हुई।
शाम 6.30 बजे तक 80.92 फीसदी मतदान हुआ था।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सुनील गुप्ता ने कोलकाता में कहा, “पश्चिमी मिदनापुर जिले में 81.66 फीसदी, बांकुरा में 80.59 फीसदी और पुरुलिया में 80.18 फीसदी मतदान हुआ।”
पश्चिम मिदनापुर जिले के छह, पुरुलिया के चार और बांकुरा जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों में मतदान के समय में दो घंटे की कटौती की गई थी। इन जिलों के इन विधानसभा क्षेत्रों में चार बजे शाम को ही मतदान बंद करा दिया गया।
पुरुलिया के पांच अन्य विधानसभा क्षेत्र में शाम छह बजे तक मतदान हुआ।
प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी गुप्ता ने कहा कि मतदान का यह आंकड़ा और बढ़ सकता है क्योंकि बहुत सारे क्षेत्रों में मतदान का समय समाप्त हो जाने के बाद तक लंबी-लंबी कतारें लगी हुई थीं।
मतदान केंद्र पर कब्जे की कोई शिकायत नहीं मिली है।
पुरुलिया जिले के मतदान केंद्र संख्या 15 पर जब यह आरोप लगा कि एक पोलिंग एजेंट मतदान केंद्र में वोट डालने वाली जगह पर घुसा है, तो एक पीठासीन अधिकारी को हटा दिया गया।
इसी तरह बांकुरा जिले के रानीबांध विधानसभा क्षेत्र में मतदान केंद्र संख्या 30 पर जब यह पाया गया कि इलेक्ट्रांनिक वोटिंग मशीन में मत दर्ज ही नहीं हो रहे हैं, तो कर्तव्य में लापरवाही के आरोप में एक मतदान कर्मी को हटा दिया गया।
पहले चरण में 40 लाख 9 हजार 171 पंजीकृत मतदाता थे। जिनके लिए 4 हजार 945 मतदान केंद्र बने थे। इनमें से 1962 केंद्रों को अत्यंत संवेदनशील माना गया था और उन पर सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए थे।
गुप्ता ने कहा कि किसी भी मतदान केंद्र से मतदान के बहिष्कार की खबर नहीं है।
इन सभी 18 विधानसभा क्षेत्रों में तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और वाम मोर्चा गठजोड़ और भाजपा ने अपने उम्मीदवार उतारे।
कांग्रेस और वाम मोर्चा ने आरोप लगाया है कि तृणमूल ने कई जगहों पर मतदाताओं को प्रभावित करने और धमकाने की कोशिश की। उनका यह भी कहना है कि केंद्रीय बल कई जगहों पर मुस्तैद नहीं थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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