वाशिंगटन, 28 सितम्बर | भारत ने नवम्बर में इस्लामाबाद में होने वाले दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के सम्मेलन में नहीं जाने का फैसला किया है। इसके बाद अमेरिका ने कहा है कि पाकिस्तान को आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। जम्मू-कश्मीर के उड़ी में भारतीय सैन्य शिविर पर 18 सितम्बर को हुए आतंकी हमले के बद भारत ने मंगलवार को कहा कि वह 19वें दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन सम्मेलन में शामिल नहीं होगा, जिसकी मेजबानी पाकिस्तान कर रहा है।
इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाग लेने जाने वाले थे।
अमेरिका के विदेश विभाग के उप प्रवक्ता मार्क टोन ने मंगलवार को दैनिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “हमने इस बारे में पहले भी पाकिस्तान से साफ-साफ बात की थी और हमने देखा है कि पाकिस्तान ने अपने इलाकों में चलने वाली आतंकवादी गतिविधियों पर कुछ लगाम लगाई है और अपनी सीमा के अंदर आतंकियों पर हमले किए हैं। लेकिन, हम पाकिस्तान पर लगातार दबाव डालते रहेंगे कि वह उन आतंकवादियों को काबू करे जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने पाकिस्तान में पनाह ले रखी है और जो क्षेत्र में पाकिस्तान से बाहर भी हमले करने पर आमादा हैं।”
भारत ने उड़ी हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद का हाथ बताया है।
मंगलवार को विदेश सचिव एस. जयशंकर ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया और और उड़ी हमले में पाकिस्तान के तार जुड़े होने के सबूत सौंपे और कार्रवाई करने की मांग की।
टोन ने कहा, “हम भारत और पाकिस्तान के बीच करीबी और सामान्य संबंध देखना चाहते हैं।”
अमेरिका दक्षेस के 9 पर्यवेक्षकों में शामिल है। अन्य पर्यवेक्षक हैं; ऑस्ट्रेलिया, चीन, यूरोपीय संघ, ईरान, जापान, मॉरिशस, म्यांमार और दक्षिण कोरिया।
सूत्रो के मुताबिक बांग्लादेश ने भी सार्क सम्मेलन में भाग लेने से मना कर दिया है। इसके अलावा अफगानिस्तान और भूटान ने भी भाग लेने से इनकार कर दिया है। जबकि, श्रीलंका ने कहा है कि भारत के बिना दक्षेस सम्मेलन संभव नहीं है। –आईएएनएस
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