वाशिंगटन, 23 अगस्त | साल 2011 से पाकिस्तान को अमेरिकी सुरक्षा मदद में 73 प्रतिशत की कमी आई है। यह जानकारी ‘कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस’ (सीआरएस) की रिपोर्ट से मिली है। पाकिस्तान के अंग्रेजी दैनिक ‘डॉन’ की वेबसाइट की मंगलवार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी कांग्रेस के लिए तैयार की गई रिपोर्ट में 2002 से 2015 के बीच पाकिस्तान को दी गई सैन्य और आर्थिक सहायता शामिल होने के साथ-साथ वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए भी राशि चिन्हित है।
इसमें बताया गया है कि साल 2011 से पाकिस्तान को अमेरिकी आर्थिक सहायता में 53 प्रतिशत की कमी हुई है। यह वह समय है जब एबटाबाद में अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन के बारे में पता चला था और सलाला में पाकिस्तानी सीमा चौकी पर अमेरिकी हवाई हमले के बाद दोनों देशों के बीच संबंध खराब होने शुरू हुए। अमेरिकी हमले में 24 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे।
आतंकी हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा कार्रवाई नहीं करने की इच्छा के मद्देनजर पेंटागन ने इस माह के शुरू में पाकिस्तान को 30 करोड़ डॉलर की सैन्य मदद नहीं देने का फैसला किया।
हालांकि, पाकिस्तान ने कार्रवाई नहीं करने के आरोप को तुरंत सिरे से खारिज किया था।
साल 2011 में पाकिस्तान को अमेरिकी सुरक्षा सहायता 1.3 अरब डॉलर थी जो गत साल घटकर 34.3 करोड़ डॉलर रह गई थी। आर्थिक सहायता की राशि जहां साल 2011 में 1.2 अरब डॉलर थी, वह गत साल घटकर 56.1 करोड़ डॉलर हो गई।
अमेरिकी पत्रिका ‘द वायर’ ने शनिवार को कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच मनमुटाव इस्लामाबाद को अपने सदाबहार मित्र चीन के और करीब ला सकता है।
‘द वायर’ ने टिप्पणी की है कि 30 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता के निलंबन को कभी बड़े सहयोगी रहे देश के साथ हाल में तनावपूर्ण संबंधों के संकेत के रूप में देखा गया है, जो भारत के लिए महत्वपूर्ण बात है।
30 करोड़ डॉलर का जो भुगतान रद्द कि या गया है, वह गठबंधन सहायता कोष (सीएसएफ) के रूप में था। इस कोष के तहत पाकिस्तान को साल 2002 से अब तक 14 अरब डॉलर मिल चुके हैं।
अमेरिका और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों का एक और संकेत लड़ाकू विमानों का सौदा रद्द होना था। विदेशी वित्तपोषण कार्यक्रम के तहत अमेरिका को पाकिस्तान को 8 एफ-16 लड़ाकू विमान 27 करोड़ डॉलर में बेचने थे।
लेकिन, अमेरिकी कांग्रेस में प्रस्तावित बिक्री का विरोध हुआ और इस साल मई महीने में सौदा रद्द हो गया। विमान की पूरी कीमत 70 करोड़ डॉलर भुगतान कर पाकिस्तान अभी भी एफ-16 विमान खरीद सकता है। लेकिन, उसने इससे असमर्थता जताई है।–आईएएनएस
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