इस्लामाबाद, 19 जुलाई | पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान ने सोमवार को कहा कि देश को सेना से नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की ‘राजशाही’ से खतरा है। पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ की वेबसाइट के मुताबिक, पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर ने अपने पहले के बयान कि पाकिस्तान की सेना अगर सरकार पर काबिज हो जाए तो जनता खुशी मनाएगी, को संशोधित करते हुए कहा कि तुर्की में राष्ट्रपति रेसेप एर्दोगन की जगह अगर शरीफ होते तो तख्तापलट सफल हो जाता।
इमरान ने 1999 के तख्तापलट का जिक्र करते हुए कहा कि जब जनरल परवेज मुशर्रफ ने शरीफ को अपदस्थ कर दिया था, तब पाकिस्तान के लोग उस तरह सड़क पर नहीं उतर आए थे, जिस तरह पिछले शुक्रवार तुर्की के लोग आए थे।
उन्होंने कहा, “इसकी जगह लोगों नवाज शरीफ के अपदस्थ होने का जश्न मनाया था और मिठाइयां बांटी थीं।”
इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान की जनता तुर्की के लोगों से ज्यादा लोकतंत्र प्रेमी है, लेकिन उन्होंने शरीफ का साथ इसलिए नहीं दिया क्योंकि वह धन जमा कर रहे थे।
इमरान ने पनामा पेपर्स मामले में शरीफ के परिवार का नाम आने को लेकर कहा कि पाकिस्तान से अगर भ्रष्टाचार दूर हो जाए तो वह एक महान देश बन सकता है।
इमरान ने लंदन में 31 मई को ओपन हार्ट सर्जरी कराने के बाद शरीफ के वहां रहने की ओर इशारा करते हुए कहा, “ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने संसद में (पनामा पेपर्स मामले में) अपना रुख स्पष्ट किया था और आइसलैंड के प्रधानमंत्री ने ऐसा न कर पाने की स्थिति में इस्तीफा दे दिया था। इसके विपरीत शरीफ इलाज के नाम पर 48 दिनों के लिए देश छोड़कर चले गए।” –आईएएनएस
Follow @JansamacharNews