नई दिल्ली, 16 जुलाई | भारत ने शनिवार को कहा कि दो बांधों के निर्माण के मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय पंचाट ले जाने का निर्णय कर पाकिस्तान सिंधु जल संधि का उल्लंघन कर रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि पाकिस्तान मुद्दे का द्विपक्षीय हल निकालने की जगह इसे तीसरे पक्ष के पास ले जाकर 1960 की संधि के प्रावधानों का उल्लंघन कर रहा है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के जल एवं उर्जा सचिव जब 14-15 जुलाई को नई दिल्ली के दौरे पर थे, तो उन्हें यह बात स्पष्ट कर दी गई थी।
स्वरूप ने कहा कि यह दो जल विद्युत परियोजनाओं से संबंधित है, जिनमें एक झेलम की सहायक नदियों पर बन रही 330 मेगावाट क्षमता की किशनगंगा परियोजना है और दूसरी चेनाब नदी पर 850 मेगावाट की रात्ले परियोजना है।
उन्होंने कहा, “सरकारी स्तर पर दोनों पक्षों ने अपने-अपने विचार रखे। हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान इस मामले में हमारे सुझावों के पीछे के कारण पर गौर करेगा।”
पाकिस्तान के जल एवं उर्जा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शुक्रवार को मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय पंचाट में ले जाने की घोषणा की। उन्होंने बांधों की डिजाइन पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे पाकिस्तान की ओर पानी का प्रवाह प्रभावित हो सकता है।-आईएएनएस
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