नई दिल्ली, 14 सितंबर | भारत ने मंगलवार को कहा कि जम्मू एवं कश्मीर की स्थिति और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के बीच तुलना नहीं की जा सकती। नई दिल्ली की यह टिप्पणी संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त जेद राद अल हुसैन के उस बयान के बाद आई है। इसमें अल हुसैन ने मानव अधिकार परिषद के 33वें सत्र के शुरुआत पर कहा कि मानवाधिकार उच्च आयोग के जिनेवा कार्यालय (ओएचसीएचआर) से एक दल को बड़े पैमाने पर हिंसा के मद्देनजर जम्मू एवं कश्मीर की यात्रा करनी चाहिए।
हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी के जुलाई में मारे जाने के बाद से 80 से ज्यादा लोग हिंसा में मारे गए।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हमने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त द्वारा भारत के राज्य जम्मू एवं कश्मीर की स्थिति पर की गई टिप्पणियों को देखा है।”
फोटो: नक्शा स्थिति को समझने के लिए है। नाप से नहीं बनाया गया है।
मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा जम्मू एवं कश्मीर में हालात हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी जो कई आतंकी मामलों में वांछित था के मारे जाने के बाद पैदा हुई है।
बयान में कहा गया कि यह पाकिस्तान से पैदा हो रहे सीमा पार आतंकवाद से निरंतर बढ़ रहा है।
यह कहते हुए कि आतंकवाद मानव अधिकारों का बड़ा उल्लंघन है और इसलिए इस पर किसी निष्पक्ष और वस्तुनिष्ठ पर्यवेक्षक स्वीकृत किया जाना चाहिए। यह भी कहा गया कि भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा निरंतर उच्च हताहतों की संख्या वहां के कठिन परिस्थितियों उनकी जबरदस्त संयम को दिखाता है।
नई दिल्ली ने ओएचसीएचआर टीम के नियंत्रण रेखा के दोनों तरफ दल की यात्रा पर साफ कहा, “हम यह रेखांकित करना चाहते हैं कि भारतीय राज्य जम्मू एवं कश्मीर और पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर के बीच कोई तुलना नहीं है।”
बयान में यह भी कहा गया है कि जम्मू एवं कश्मीर में लोकतांत्रिक चुनी सरकार है, जबकि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पाकिस्तानी राजनयिक इसके मुखिया की तैनाती करता है।
इससे पहले मंगलवार को पाकिस्तान ने अल हुसैन के जम्मू एवं कश्मीर के ओएचसीएचआर दल भेजे जाने के सुझाव का स्वागत किया था।–आईएएनएस
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