जयपुर, 5 मई (जनसमा)। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि पानी का संरक्षण सिर्फ गांवों की जिम्मेदारी नहीं है। शहरी क्षेत्रों में भी पानी की बर्बादी रोकना तथा वर्षा जल का संरक्षण करना जरूरी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जयपुर सहित राजस्थान के विभिन्न शहरों में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर आवासीय कॉलोनियों और सुविधा क्षेत्रों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग संरचनाएं बनाई जाएं।
वसुन्धरा राजे कलक्टर-एसपी कांफ्रेंस के दूसरे दिन गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय के कांफ्रेंस हॉल में अधिकारियों को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि शहरों में सीवरेज सिस्टम एवं अन्डर ग्राउण्ड डक्टिंग के निर्माण में नई गड्ढ़ा रहित टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाए ताकि सड़कों को नुकसान कम से कम हो। उन्होंने कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि पेयजल आपूर्ति और सीवरेज की लाइनें समानान्तर नहीं बिछाई जाएं।
राजे ने प्रदेश के 16 जिलों में केन्द्रीय कारागारों को घनी आबादी क्षेत्र से बाहर स्थानान्तरित करने के लिए तुरन्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण को किसी भी कारण से और अधिक लम्बित नहीं रखा जा सकता। उन्होंने अलवर जिले में ईएसआईसी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के लिए नवनिर्मित भवन का उपयोग राज्य सरकार द्वारा स्वयं या निजी सहभागिता से मेडिकल कॉलेज के संचालन की संभावना तलाशने के लिए कहा।
कलक्टर-एसपी कान्फ्रेंस के दूसरे दिन कोटा, जोधपुर, जयपुर तथा बीकानेर संभाग के जिला कलेक्टरों एवं संभागीय आयुक्तों के प्रस्तुतीकरण हुए। इस दौरान जनअभाव अभियोग निराकरण, पेयजल आपूर्ति, विभिन्न निकाय क्षेत्रों में आवासीय कॉलोनियों के विकास, वन क्षेत्रों में अतिक्रमण तथा पुनर्वास आदि विषयों पर भी चर्चा हुई। बैठक में राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य, संसदीय सचिव, विभिन्न आयोगों के अध्यक्ष, मुख्य सचिव तथा विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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