नई दिल्ली, 22 फरवरी। केंद्र सरकार के एक आधिकारिक बयान में सोमवार को यह जानकारी दी गई कि 15 से 21 फरवरी, 2016 के दौरान दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) के तहत 258 गांवों तक बिजली पहुंचाई गई। इन गांवों में से 120 गांव ओडिशा के हैं, 64 झारखंड के और 41 गांव असम के हैं। मध्य प्रदेश के 19, राजस्थान के 8 और छत्तीसगढ़ के 6 गांवों में भी इस योजना के तहत बिजली पहुंचाई गई।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में कहा था कि भारत सरकार बचे हुए 18,542 गांवों में 1000 दिनों के भीतर यानी 1 मई 2018 तक बिजली पहुंचा देगी। इस परियोजना को मिशन मोड के तहत शुरू किया गया था।
बयान के मुताबिक, एक रणनीति के तहत बिजली पहुंचाने की अवधि घटा कर 12 महीने कर दी गई। साथ ही बिजली पहुंचाने के लिए प्रक्रिया को 12 चरणों के माइलस्टोन में बांट दिया गया। बिजली पहुंचाने की प्रक्रिया की निगरानी के लिए के लिए एक निर्धारित समय अवधि तय कर दी गई।
बयान में कहा गया है कि वर्ष 2015-16 के दौरान 5537 गांवों में बिजली पहुंचाई गई। इनमें से बचे 12,915 गांवों में से 1026 गांवों में ग्रिड के जरिये बिजली पहुंचेगी। 3381 गांवों में ऑफ-ग्रिड बिजली पहुंचेगी। यहां पर भौगोलिक अड़चनों की वजह से ग्रिड सॉल्यूशन संभव नहीं है। 508 गांवों में राज्य सरकार की ओर से खुद बिजली पहुंचाई जानी है। सरकार की ओर से इस परियोजना को मिशन मोड में लिये जाने के बाद अप्रैल, 2015 से 14 अगस्त 2015 तक 1654 गांवों में बिजली पहुंचाई गई।
15 अगस्त 2015 से 21 फरवरी तक 3883 अतिरिक्त गांवों में बिजली पहुंचाई गई। इस प्रगित की रफ्तार को और तेज करने के लिए ग्राम विद्युत अभियंता (जीवीए) की ओर से इस पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। इसके तहत कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। इनमें आरपीएम बैठक के दौरान मासिक आधार पर प्रगति की समीक्षा शामिल है। राज्य डिस्कॉम के तहत जिन गांवों में बिजली पहुंचाई जा रही, उसकी सूची साझा की जा रही है। साथ ही उन गांवों की पहचान जा रही है, जहां माइलस्टोन प्रगति धीमी है।
Follow @JansamacharNews