Pro Wrestling League

पीडब्ल्यूएल में ननद-भौजाई और मियां-बीवी की जोड़ी मुख्य आकर्षण

नई दिल्ली, 5 नवंबर | इस बार प्रो रेसलिंग लीग (पीडब्ल्यूएल) में ननद-भौजाई और मियां-बीवी की जोड़ी मुख्य आकर्षण रहेगी जबकि एक जोड़ी ऐसी भी होगी, जिनकी शादी होने वाली है। इसके अलावा भारत से दो बहनों और दो भाइयों जबकि स्वीडन से दो बहनों पर भी सबकी निगाहें होंगी।

याना रैटिगन और मारिया स्टैडनिक ननद-भौजाई हैं। याना ननद हैं जबकि मारिया स्टैडनिक भौजाई। दोनों अलग-अलग देश से हैं। याना इंग्लैंड से और मारिया अजरबेजान से हैं।

मारिया मूलत: यूक्रेन से हैं। मजे की बात है कि याना और मारिया की कुश्तियां अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो चुकी हैं। 2013 की विश्व चैम्पियनशिप में दोनों एक-दूसरे के सामने थीं।

जाहिर है कि इनमें ओलिम्पिक में तीन पदक जीत चुकी मारिया को ही जीतना था लेकिन इस कुश्ती को जीत-हार से ज्यादा ननद-भौजाई की कुश्ती के लिए याद किया जाता है।

विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीत चुकी गीता फोगट और अंतर्राष्ट्रीय पहलवान पवन कुमार प्रो रेसलिंग शुरू होने से पहले ही मियां-बीवी बन चुके होंगे। इस तरह मियां-बीवी के तौर पर दोनों लीग का मुख्य आकर्षण होंगे।

गीता सीजन-1 की तरह इस बार भी अपनी दो बहनों बबीता और रितु के साथ लीग में उतरने के लिए तैयार हैं।

सीजन-1 में पंजाब रॉयल्स और उप्र वॉरियर्स के मुकाबले के दौरान गीता और बबीता बतौर आइकन प्लेयर एक दूसरे के सामने टॉस के लिए उतरी थीं। वहीं साक्षी और सत्यव्रत लीग के बाद विवाह बंधन में बंध जाएंगे। सत्यव्रत और उनके छोटे भाई सोमवीर पर भी सबकी निगाहें होंगी।

सत्यव्रत हैवीवेट वर्ग में जबकि सोमवीर 86 किलो वर्ग में उतरेंगे। पिछले दिनों सत्यव्रत एक बार फिर राष्ट्रीय चैम्पियन बने जबकि उनके छोटे भाई सोमवीर को कांस्य पदक हासिल हुआ।

इसी तरह स्वीडन की सोफिया मैटसन और जोहाना मैटसन भी बहनें हैं। सोफिया 53 किलो वर्ग में ओलिम्पिक की कांस्य पदक विजेता हैं जबकि जोहाना को अपने पहले ही मुकाबले में साक्षी मलिक के हाथों हार का सामना करना पड़ा।

भारत में मास्टर चंदगीराम, उनके सुपुत्र जगदीश और सुपुत्री सोनिका जहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पहलवान थे, वहीं अब चंदगीराम के नाती देवव्रत के रूप में इस परिवार की तीसरी पीढ़ी भी सामने आई है।

चंदगीराम के ही शिष्य और अर्जुन पुरस्कार विजेता सत्यवान के दोनों पुत्र सत्यव्रत और सोमवीर जहां अंतर्राष्ट्रीय पहलवान हैं, वहीं उनकी होने वाली पुत्रवधु साक्षी मलिक ओलिम्पिक में पदक जीत चुकी हैं।

एशियाई खेलों के दोहरे चैम्पियन करतार सिंह, उनके छोटे भाई श्रवण और उनके भतीजे गुरपाल अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पहलवान रहे। 50 और 60 के दशक के अंतर्राष्ट्रीय पहलवान केसर सिंह, उनके सुपुत्र सुखचैन सिंह चीमा और तीसरी पीढ़ी के पलविंदर चीमा भी ख्याति प्राप्त पहलवान रहे।

वहीं, उदयचंद और हरिसिंह सगे भाई एक समय में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पहलवान के तौर पर उभरे जबकि सुरेश और उनके सुपुत्र सोमवीर और जगरूप और उनकी बेटी नेहा राठी भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पहलवान रहे।

–आईएएनएस