भोपाल, 04 फरवरी। मध्यप्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्रत्येक पात्र परिवार को शामिल करने और अपात्र परिवारों को हटाने की मुहिम चलेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ऐसी व्यवस्था की जाये जिससे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के दायरे में आने वाला कोई भी पात्र परिवार नहीं छूटे। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में खाद्यान्न वितरण की प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता रहे। गेहूँ उपार्जन के लिये सभी तैयारियां समय से करें। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के लंबित प्रकरणों के निराकरण में तेजी लायी जाये। सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें बहुउद्देश्यीय दुकान के रूप में काम करें, इसकी सैद्धांतिक सहमति बैठक में दी गई।
बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में एक करोड़ 17 लाख परिवारों को राशन वितरित किया जा रहा है। इन परिवारों का डाटा डिजिटाइज किया जा चुका है। प्रदेश की सभी 22 हजार 409 उचित मूल्य दुकानों पर अपनी सुविधानुसार कहीं से भी राशन लेने के लिये पीओएस मशीनें मार्च माह के अंत तक लगा ली जायेगी। यह मशीनें अभी तक 11 हजार 724 दुकान पर लगाई जा चुकी हैं।
मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर 12 लाख 66 हजार 572 मीट्रिक टन धान खरीदा गया है। समर्थन मूल्य पर गेहूँ का उपार्जन 16 मार्च से शुरू किया जायेगा। विशेष जाँच अभियान में नाप तौल विभाग द्वारा 25 हजार 85 जाँच कर 4,356 प्रकरण बनाये गये। प्रदेश के 89 आदिवासी विकासखंड में डबलफोर्टिफाईड नमक वितरण करने की योजना बनाई गई है।
मुख्यमंत्री चौहान ने ई-वेयर हाऊस लायसेंसिग सुविधा का लोकार्पण किया। यह व्यवस्था विभाग द्वारा इज ऑफ डूईंग बिजनेस में शुरू की गई है। उन्होंने कहीं भी राशन प्राप्त करने की सुविधा देने वाली पीओएस मशीन की भी शुरूआत की। यह व्यवस्था अभी भोपाल, होशंगाबाद, हरदा और इंदौर जिलों में शुरू की गयी है।
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