पुत्तिंगल मंदिर त्रासदी में मरने वालों की संख्या 112 हुई

तिरुवनंतपुरम, 11 अप्रैल| केरल के कोल्लम जिले में स्थित पुत्तिंगल मंदिर में रविवार तड़के आतिशबाजी के कारण लगी आग से हुई त्रासदी में मरने वालों की संख्या 112 हो चुकी है। चिकित्सकों और अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।

चिकित्सकों ने कहा कि तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गंभीर रूप से घायल होने के कारण दो युवाओं की मौत हो गई। इस अस्पताल में 124 लोगों का इलाज हो रहा है और नौ अन्य लोगों की स्थिति गंभीर बनी हुई है।

यह टीवी फोटो एक दर्शक ने ली थी जो आतिशबाजी देखने आया था।इस फोटो को  आज एक टीवी चैनल ने दिखाया था।

कोल्लम के पुत्तिगंल मंदिर में हुए अग्निकांड में 350 से भी अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ ही हालत गंभीर बनी हुई है।

दिल्ली से आई चिकित्सीय पेशेवरों की एक टीम को दो समूहों में बांटा गया है। एक समूह को कोल्लम जिला अस्पताल भेजा गया है और दूसरा समूह यहां राज्य द्वारा संचालित अस्पताल में है।

कोल्लम में स्वास्थ्य विभाग और दिल्ली की टीम के वरिष्ठ अधिकारियों ने घायलों के लिए की जा रही उपचार प्रक्रियाओं का जायजा लेने के बाद फैसला लिया है कि किसी को भी जिले से बाहर स्थानांतरित करने की जरूरत नहीं है।

दिल्ली टीम मरीजों की स्थिति का जायजा लेने के लिए कोल्लम के सभी अस्पतालों का दौरा करेगी।

कोल्लम में 14 और तिरुवनंतपुरम में चार शवों की अभी पहचान नहीं हो पाई है।

केरल सरकार ने सोमवार को फैसला लिया कि वह मंदिर परिसर के बाहर अस्थायी रूप से एक चिकित्सा चौकी खोलेंगे, जो एक सप्ताह तक काम करेगी।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आग कोल्लम जिले के तटीय शहर पेरावुर स्थित पुत्तिंगल मंदिर में रविवार तड़के 3.30 बजे तब लगी, जब वहां आतिशबाजी से एक चिंगारी निकलकर उस इमारत में जा गिरी, जहां उत्सव मनाने के लिए बड़ी मात्रा में उच्च क्षमता वाले पटाखे रखे थे।

आतिशबाजी के बीच देखते ही देखते पटाखों में धमाके शुरू हो गए और भयंकर आग लग गई। कुछ ही पलों में पूरी इमारत धराशायी हो गई।

केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने एक न्यायिक जांच के भी आदेश दिए और साथ में केरल पुलिस की अपराध शाखा को इस बात की जांच के आदेश दिए कि आतिशबाजी कैसे मौत की बारिश में बदल गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को घटनास्थल का दौरा किया।

पारावुर में पुलिस ने 20 लोगों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है, जिसमें मंदिर समिति के सदस्य, ठेकेदार और उसका बेटा था उसके कर्मचारी, जिन्होंने आतिशबाजी के प्रदर्शन का आयोजन किया, शामिल हैं।

इस बीच, आतिशबाजी का प्रदर्शन देखने के लिए अपने चार दोस्तों के साथ मंदिर पहुंचे गोपान सोमवार को अपने चोटिल हुए बाएं हाथ के साथ घटनास्थल पहुंचे और मीडिया को बताया कि उनके दो दोस्त लापता हैं।

इस हादसे से विक्षिप्त गोपान ने बताया, “हम सारे अस्पतालों में गए और वे मिल नहीं रहे हैं और न ही वे अपने घर पहुंचे हैं। उनके मोबाइल से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है।”केरल के कोल्लम जिले के पुत्तिंगल मंदिर में पटाखों के सार्वजनिक प्रदर्शन के दौरान आज (10 अप्रैल, 2016) प्रातः करीब 3 बजे भयानक आग लगने और विस्फोट की घटना घटी। प्राथमिक खबरों के अनुसार इस घटना में 84 लोगों की मृत्यु हो गई और 250 से ज्यादा घालय हो गये हैं।

यह घटना पटाखों के प्रदर्शन के दौरान हुई। टीवी न्यूज चैनलों पर प्रथम दृष्टया चित्रों से यह पता चलता है कि सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए पटाखों को भारी मात्रा में रखा गया था। पटाखों के सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए जिला मजिस्ट्रेट से विस्फोटक नियम 2008 के अंतर्गत फॉर्म एलई-6 में एक लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है।

माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार पटाखों का उपयोग सिर्फ रात्रि 10 बजे तक किया जाना चाहिए और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की अधिसूचना संख्या जी.एस.आर. 682(ई) दिनांक 05/10/1999 के अनुसार पटाखों के शोर का स्तर 125 डीबी से अधिक नहीं होना चाहिए।

अर्णाकुलम के पैट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पीईएसओ) के द्वारा विस्फोटक नियम 2008 के अंतर्गत फॉर्म एलई-6 में एक लाइसेंस प्राप्त करने और सुरक्षा उपाय अपनाने के लिए सभी जिला मजिस्ट्रेटों को समय-समय आवश्यक सलाह जारी की गईं हैं।

इस घटना के बाद पीईएसओ के अधिकारी घटना के कारणों का पता लगाने, भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने से संबंधित उपायों के सुझाव देने और जिला प्रशासन की सहायता करने के लिए घटना स्थल का दौरा कर रहे हैं।

इस अधिकारियों में नागपुर के मुख्य विस्फोटक नियंत्रक डॉ. एस. कमल, चेन्नई के दक्षिण सर्किल के संयुक्त मुख्य विस्फोटक नियंत्रक डॉ. ए. के. यादव, हैदराबाद के विस्फोटक नियंत्रक उप-प्रमुख श्री आर. वेणुगोपाल, अर्णाकुलम के विस्फोटक नियंत्रक श्री थियागाराजन और विस्फोटक उप-नियंत्रक श्री एस. कंदासामी शामिल हैं।