नई दिल्ली, 10 मार्च | वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि पुर्नपूंजीकरण की लागत (यानी नए नोटों पर खर्च) का पता तभी चल पाएगा, जब नोटंबदी के बाद वर्तमान में चल रही यह प्रक्रिया खत्म होगी। उन्होंने यह भी कहा यह प्रक्रिया के अंत में ही जाना जा सकेगा कि उच्च मूल्य की कितनी मुद्रा को वापस प्रचलन में लाया गया है।
जेटली ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए एक प्रश्न के जबाव में कहा, “(8 नवंबर को की गई) नोटबंदी के प्रमुख उद्देश्यों में यह भी था कि उच्च मूल्य वाले नोटों को प्रचलन से वापस लेकर उसे बैंकिंग प्रणाली में डाला जाए। नोटबंदी के कारण उच्च मूल्य वाले सभी नोट बैंकिंग प्रणाली में वापस लौट गए।”
जेटली ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नोटबंदी के बाद जमा हुए उच्च मूल्य की मुद्रा की जांच शुरू की है।
उन्होंने कहा, “अब यह नोट जमा करने वाले को साबित करना है कि उनका धन काला धन नहीं है।”
जेटली ने 24 फरवरी को कहा था कि 11.64 लाख करोड़ रुपये से अधिक की मुद्रा का पुर्नपूंजीकरण कर लिया गया है जो कि अब 12 लाख करोड़ से अधिक हो सकती है।
उन्होंने उम्मीत जताई कि इस वित्त वर्ष प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रहण लक्ष्य से अधिक हो सकता है।
उन्होंने कहा, “पिछले साल अकेले दिसंबर में कुल 1.40 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष कर इकट्ठा किया गया, पिछले तीन सालों से कर संग्रहण में बढ़ोतरी हुई है।” –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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