जयपुर, 27 अक्टूबर (जस)। पुलिस कमिश्नरेट एवं रूंगटा अस्पताल के संयुक्त तत्वावधान में पुलिसकर्मियों की रिजर्व पुलिस लाइन में प्राथमिक उपचार की तीन दिवसीय ‘‘बेसिक लाइफ सपोर्ट’’ कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के समापन अवसर पर पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) गौरव श्रीवास्तव ने कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस प्रशिक्षण से पुलिसकर्मी दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने तक अथवा विशेषज्ञ उपलब्ध होने तक प्राथमिक उपचार देकर पीड़ित की जान बचाने या उसके बचने की सम्भावना मजबूत करने के योग्य होंगे। दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को समय पर प्राथमिक उपचार नहीं मिले तो उसकी जान को निश्चित रूप से खतरा हो सकता है।
उन्होंने कहा कि संसार में जीवन जिस अलौकिक शक्ति ने दिया है उसे हमने नहीं देखा। लेकिन जीवन देने के बाद संकट में शरीर के अन्दर की परेशानियों के लिए व्यक्ति डॉक्टर के पास आता है तथा शरीर के बाहर की परेशानियों के लिए व्यक्ति पुलिस के पास आता है। चिकित्सा एवं पुलिस की सेवाएं 24x7 घण्टे कार्य करती है। उन्होंने कहा कि मैं उन व्यक्तियों को सौभाग्यशाली मानता हूँ जो संकट के समय काम आते है। इस प्रशिक्षण से पुलिसकर्मी अपने पूरे जीवनकाल में किसी भी दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को बेसिक सपोर्ट देकर उसकी जान बचा सकते है।
उन्होंने कहा कि हम किसी को जीवन तो नहीं दे सकते लेकिन जीवन को बचाने में महत्वपूर्ण साबित हो सकते है। इस कार्यशाला की शुरूआत जयपुर पुलिस से करने पर रूंगटा अस्पताल के प्रबंधकों की प्रशंसा की। रूंगटा अस्पताल के प्रबंध निदेशक रास बिहारी रूंगटा ने कहा कि आपातकालीन परिस्थितियों में प्राथमिक चिकित्सा के लिए पुलिस को प्रशिक्षित किया जाना आवश्यक है। पुलिस ही सर्वप्रथम दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के सम्पर्क में आती है। पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी के दौरान एवं जीवन में आपातकाल में बेसिक लाइफ सपोर्ट देकर किसी दूसरे की जिन्दगी बचा सकते है एवं घायल व्यक्ति को दिव्यांगता से भी रोक सकते है। पुलिसकर्मी कार्य के प्रति निष्ठा भी रखते है। कार्यशाला में चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा प्राथमिक उपचार के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के सभी थानों, ट्रेफिक पुलिस तथा क्यूआरटी के लगभग 80 पुलिसकर्मियों ने भाग लिया।
Follow @JansamacharNews