मुंबई, 11 जून | अभिनेता इरफान खान ने ‘उड़ता पंजाब’ फिल्म विवाद पर हैरानी जताते हुए कहा कि कई वर्षो से मौजूद मुद्दे को उठाने वाली फिल्म अचानक ‘बहुत बड़ा’ मुद्दा बन जाती है और पूरा देश ही सेंसर बोर्ड बन जाता है। इरफान ने अपनी आगामी फिल्म ‘मदारी’ के गाने ‘दमा दम’ के लांच अवसर पर कहा, “ऐसे कई मुद्दे हैं, जो हम तक नहीं पहुंच पाते। यह बहुत ही अजीब है कि कई वर्षो से कुछ पत्रिकाएं राज्य और वहां मौजूद गंभीर संकट के बारे में लिखती रही हैं और 10 साल जब इस मुद्दे पर कोई फिल्म बनती है तो यह अचानक बड़ा मुद्दा बन जाता है।”
इरफान ने कहा, “मेरी समस्या यह है कि हम यह तक नहीं जानते कि यह सेंसर बोर्ड है या प्रमाणन बोर्ड। यह एक प्रमाणन बोर्ड है, यह सेंसर बोर्ड नहीं है.. जब कभी कोई मुद्दा उठाया जाता है तो पूरा देश ही सेंसर बोर्ड बन जाता है।”
इरफान ने कहा, “ये सभी नियम ब्रिटिश शासनकाल में बनाए गए थे, इसलिए किसी एक व्यक्ति को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। आप किसी को नियुक्त करते हैं तो वह नियम-कायदे के अनुरूप ही काम करेगा। हम सो रहे हैं और देश सो रहा है। हम कुछ भी बदलने की जरूरत नहीं समझते।”
वह कहते हैं, “हमें इसे गंभीरता से लेना चाहिए। पूरे फिल्म उद्योग जगत को आगे आना चाहिए। फिल्म जगत 4,000 करोड़ रुपये की कर अदायगी करती है। इसलिए सरकार को कर अदायगी करने वाले लोगों की प्रशंसा करनी चाहिए। हमें जागने की जरूरत है और सरकार को भी इस बारे में सोचना चाहिए। महेश भट्ट ने एक बयान में कहा था कि 40 साल पहले उन्होंने कोई फिल्म बनाई और वह अटक गई। इसका मतलब यही है कि हम वास्तव में सो रहे हैं।” –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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