भोपाल, 02 मार्च। एक संकल्प पूरा हो रहा है, एक सपना साकार हो रहा है। सब के सपनों का अदभुत और अद्वितीय उज्जैन शहर का निर्माण हो रहा है। सिंहस्थ के मद्देनजर राज्य शासन ने वर्ष 2010 से ही सिंहस्थ की तैयारियाँ प्रारम्भ कर दी थीं। उज्जैन में धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी गई है। उज्जैन में बाबा महाकाल के साथ-साथ चिंतामन गणेश, माँ हरसिद्धि और सबका मंगल करने वाले ग्रह मंगल का जन्म स्थान है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज उज्जैन में 112.35 करोड़ रूपये की लागत से बने निर्माण कार्यों के लोकार्पण के बाद पर्यटन विभाग की नव-निर्मित होटल उज्जयिनी के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए अपनी बात कही। शिवराज ने कहा कि उज्जयिनी की असंख्य विशेषताओं और महत्व को देखते हुए यहाँ 3000 करोड़ के स्थायी कार्यों का निर्माण किया गया है।
चौहान ने कहा कि उज्जैन में वैचारिक महाकुंभ होने वाला है। अनादि काल में पवित्र नदियों में कुंभ के दौरान केवल स्नान ही नहीं होता था, बल्कि चिंतन और मंथन भी हुआ करते थे। इसी परम्परा को पुन: प्रारम्भ करते हुए शासन ने वैचारिक महाकुंभ करने का संकल्प लिया है। सिंहस्थ के दौरान संसार की समस्याओं के मंथन के लिए वैचारिक महाकुंभ होगा। पूरी दुनिया को सिंहस्थ का निमंत्रण दिया गया है। सिंहस्थ के बाद भी दुनिया यहाँ बार-बार आएगी, क्योंकि उज्जैन धार्मिक केन्द्र बनने वाला है। यह सिंहस्थ ग्रीन सिंहस्थ होगा।
शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन में 112 करोड़ 35 लाख की लागत से नव-निर्मित कार्यों का लोकार्पण किया। जिसमें 2करोड़ 45 लाख की लागत से हरिफाटक ब्रिज से महामृत्युंजय द्वार तक लाईट का और 94 करोड 30 लाख की लागत से बने अवंतिका परिक्रमा पथ का लोकार्पण किया गया। चौहान ने 9 करोड़ की लागत के नव-निर्मित उज्जयिनी होटल, 5 करोड़ की लागत के क्षिप्रा होटल के उन्नयन एवं विस्तार, 1 करोड़ रूपये के होटल अवंतिका के उन्नयन कार्य एवं 60 लाख रूपये की लागत से बने डे-शेल्टर एवं जन सुविधा कार्य का लोकार्पण किया।
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