पूर्वोत्तर क्षेत्र के अधिवक्ताओं को न्यायालयों के लिए सीमित आधारभूत संरचनाओं जैसी समस्याओं से जूझना पडता है। यह कहा है भारत के मुख्य न्यायाधीश धनंजय यशवंत चन्द्रचूड ने।
आइजोल, 3 सितम्बर। भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के अधिवक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण न्यायिक शिक्षा की कमी, पर्याप्त संख्या में परिवहन का नही होना तथा न्यायालयों के लिए सीमित आधारभूत संरचनाओं जैसी समस्याओं से जूझना पडता है। इन समस्याओं की पहचान कर इन्हें दूर करने के प्रयास होने चाहिए।
न्यायमूर्ति चन्द्रचूड शनिवार को मिजोरम की राजधानी आइजोल में गुवाहाटी उच्चन्यायलय की आइजोल पीठ के नए भवन के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि न्यायालय विवादों के शान्तिपूर्ण समाधान के पक्षधर है। कानून के शासन से ही देश में व्यवस्था बनी हुई है। वे
न्यायमूर्ति चन्द्रचूड ने कहा कि हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं ने हिंसा की संस्कृति की जगह परस्पर बातचीत, सहिष्णुता,आपसी समझ तथा मानव कल्याण और खुशहाली की साझा संस्कृति को बढावा दिया है।
इस अवसर पर मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा, केन्द्रीय विधि और न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और मिजोरम के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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