नई दिल्ली, 20 फरवरी (जनसमा)। सरकार ने राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) को देश के सभी 4041 संवैधानिक स्थानीय शहरी निकायों तक बढ़ा दिया है। पूर्वोत्तर राज्यों में 130 नये नगरों को डीएवाई-एनयूएलएम में शामिल किया जाएगा। अभी यहां 88 नगर ही इसके दायरे में आते हैं। संघ शासित प्रदेशों में पुडुचेरी में एक और नगर इसके दायरे में आएगा।
एनयूएलएम का नया नाम ‘दीनदयाल अंत्योदय योजना-एनयूएलएम’ होगा। इसे हिन्दी में ‘दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन’ के नाम से जाना जाएगा।
कौशल विकास एवं प्रशिक्षण, निजी और सामूहिक सूक्ष्म उद्योग, स्वयं सहायता समूहों के गठन, बेघरों के लिए आश्रयों के निर्माण, बुनियादी ढांच के निर्माण के लिए सड़क पर सामान बेचने वालों, विकलांगों तथा कूड़ा बीनने वालों की मदद के नये तरीके से यह मिशन शहरों में रहने वाले गरीबों के लिए रोजगार के अवसर और आय बढ़ाने के उपाय खोजेगा।
एनयूएलएम की शुरुआत वर्ष 2013 में की गई थी। इस समय यह योजना सभी जिला मुख्यालयों समेत देश के सिर्फ 791 शहरों में चल रही है। इसमें एक लाख से ऊपर की आबादी वाले शहर और कस्बे शामिल हैं। अब सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को शेष 3250 संवैधानिक स्थानीय शहरी निकायों में डीएवाई-एनयूएलएम को लागू कर सशक्त बनाया जाएगा। भले ही उनकी आबादी एक लाख से कम क्यों न हो।
तमिलनाडु में सबसे अधिक 681 नगर अब डीएवाई-एनयूएलएम के दायरे में होंगे, जबकि गरीबों के लिए बनाई गई यह योजना इस समय राज्य के सिर्फ 40 शहरों में ही चल रही है। इसी तरह यूपी में 82 के बदले 566, मध्य प्रदेश में 54 के बदले 310, महाराष्ट्र में 53 के बदले 213, कर्नाटक में 34 के बदले 186, गुजरात में 35 के बदले 160, राजस्थान में 40 के बदले 145, छत्तीसगढ़ 28 के बदले 40 पंजाब 25 के बदले 118, बिहार 42 के बदले 97, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 47 के बादले 78, ओडिसा, 33 के बदले 74, पश्चिम बंगाल में 63 के बदले 66, जम्मू-कश्मीर में 22 के बजाय 64, उत्तराखंड में 16 के बदले 58, हरियाणा में 22 के बदले 58, हिमाचल प्रदेश में 10 के बदले 46, केरल में 14 के बदले 45 और गोवा में 2 के बदले 10 नगर इसके दायरे में आएंगे।
उत्तर भारत में अब 1,505 और शहरों के गरीबों को डीएवाई-एनयूएलएम का लाभ मिलेगा। इसी तरह दक्षिण में 991, पश्चिम में 375, पूर्व में 249 और पूर्वोत्तर में 130 नए नगर इस योजना के दायरे में आएंगे। पहले से चली आ रही एनयूएलएम योजना में एक और संशोधन किया गया है। पूर्व में जिन शहरों में यह योजना शुरू की गई उनके लिए इसके सभी घटकों को लागू करना आवश्यक था। अब इस योजना के दायरे में आने वाले नगर इसके घटकों में से किसी एक संयोजन (कांबिनेशन) को लागू कर सकते हैं।
डीएवाई-एनयूएलएम में ‘कौशल प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट के माध्यम से रोजगार’ के तहत प्रत्येक शहरी गरीब को प्रशिक्षण के लिए 15,000 रुपये की व्यय राशि दी जाती है। पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर में इसके लिए प्रत्येक शहरी गरीब को 18,000 रुपये मिलते हैं। अब संशोधित मानकों के तहत प्रशिक्षण के लिए दी जाने वाली राशि में पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी गई है।
‘सामाजिक गतिविधि और संस्थागत विकास’ के तहत गठित होने वाले स्वयं सहायता समूहों को सदस्यों के प्रशिक्षण के लिए शुरुआत में 10,000 रुपये दिए जाते हैं। ऐसे समूहों के पंजीकृत क्षेत्रीय महासंघों के लिए 50,000 रुपये की सहायता प्रदान की जाती है
छोटे निजी उद्यम स्थापित करने के लिए शहरी गरीबों को ब्याज में पांच से सात प्रतिशत की छूट दी जाती है। इसमें एकल निजी उद्यम के लिए दो लाख और ग्रुप इंटरप्राइजेज के लिए दस लाख तक का लोन मिलता है।
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