इंफाल/गुवाहाटी, 04 जनवरी । पूर्वोत्तर क्षेत्र में आज 6.8 की उच्च तीव्रता का भूकंप आया जिससे कम से कम छह लोगों की जान चली गई और 100 से अधिक घायल हो गए। भूकंप के कारण कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं और लोग दहशत में आ गए। भूकंप का केंद्र मणिपुर के तमेंगलोंग जिले में 17 किमी की गहराई पर था। जिले में कई इमारतें या तो ध्वस्त हो गईं या क्षतिग्रस्त हो गईं। सुबह चार बज कर 35 मिनट पर आए इस भूकंप ने राज्य में छह लोगों की जान ले ली और 70 से अधिक लोग घायल हो गए।
नागालैंड में दीमापुर के पास 4 जनवरीए 2016 को आये भूकंप में एक पुल ढह गया। भूकंप का केन्द्र मणिपुर के तामेंगलांग जिले में था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.7 मापी गई। फोटो: आईएएनएस
मीडिया रिपोर्टों में मरने वालों का आंकड़ा 10 के पार बताया जा रहा है। सेना और वायु सेना राहत कार्यों में हाथ बंटा रहे हैं और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के दो दलों को इंफाल भेजा गया है। अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर में जिन छह लोगों की जान गई है उनमें से तीन इंफाल वेस्ट जिले में, एक इंफाल ईस्ट जिले के जिरिबाम में और दो व्यक्ति सेनापति जिले में मारे गए। राष्ट्रीय आपदा मोचन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अनुसार, कुछ इमारतों, रिहायशी परिसरों और सरकारी कार्यालयों को नुकसान पहुंचने की खबर है।
इंफाल में छह मंजिला एक इमारत को भी नुकसान पहुंचा है। कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा ने आज सोमवार की सुबह राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की एक बैठक बुलाई थी जिसके बाद जारी एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि इंफाल शहर में विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई है और कुछ बिजली प्रतिष्ठानों को भी नुकसान पहुंचा है। अधिकारियों ने बताया कि इंफाल में बाजार परिसर सहित कई इमारतों और सड़कों में भूकंप की वजह से दरारें आ गईं और स्कूल की कुछ इमारतों की दीवारें गिर गईं।
असम के आयुक्त और आपदा प्रबंधन सचिव प्रमोद तिवारी ने बताया कि गुवाहाटी और असम के अन्य इलाकों में भूकंप के कारण करीब 20 लोग घायल हुए हैं। अधिकारियों के अनुसार, कम से कम 30 इमारतों में दरारें आ गई हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उन्होंने फिलहाल असम में मौजूद गृह मंत्री राजनाथ सिंह से बात की और उन्हें भूकंप के कारण उत्पन्न स्थिति पर नजर रखने के लिए कहा है। साथ ही प्रधानमंत्री ने मणिपुर के मुख्यमंत्री ओक्राम इबोबी सिंह तथा क्षेत्र के अन्य मुख्यमंत्रियों से भी बात कर स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री इबोबी सिंह ने कहा कि वह भूकेप के कारण हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने हरसंभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया है। राजनाथ सिंह ने बताया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में भूकंप आने के बाद गृह मंत्रालय स्थिति पर सतत नजर रखे हुए है। रक्षा अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर में सेना की यूनिटें घायलों को सभी आवश्यक चिकित्सा सहायता मुहैया करा रही हैं। जरूरत पड़ने पर तथा आगे किसी भी राहत अभियानों में प्रतिक्रिया के लिए हिंडन एयरबेस पर सी17 ग्लोबमास्टर और आईएल76 विमान को तैयार रखा गया है।
एनडीआरएफ के एक दल को इंफाल रवाना किया गया है। पॉवर ग्रिड कारपोरेशन के इंजीनियरों के एक दल को बिजली बहाल करने में राज्य सरकार की मदद के लिए इंफाल भेजा जाएगा। दिल्ली से हड्डी रोग विशेषज्ञों सहित डॉक्टरों का एक विशेष दल इंफाल भेजा जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुवाहाटी में संवाददाताओं को बताया कि केंद्र सरकार मणिपुर तथा अन्य प्रभावित राज्यों को हर आवश्यक सहायता और सहयोग मुहैया कराएगी।
सिंह ने बताया कि उन्होंने गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू से बात की है जो स्थिति की निगरानी करने के लिए अरूणाचल प्रदेश से इंफाल पहुंचेंगे। मिजोरम की राजधानी एजल में भूकंप महसूस करने पर लोग सुरक्षित स्थानों में जाने के लिए अपने घरों से बाहर निकल भागे। राज्य के अन्य हिस्सों में भी भूकंप महसूस किया गया।
एजल के लोगों ने बताया कि बीते 50 साल में उन्होंने पहली बार इतना तेज भूकंप महसूस किया। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि भूकंप के दौरान मिजोरम में सुरक्षित जगह जाने के प्रयास में 14 साल का एक लड़का घायल हो गया। उसे एजल सिविल हॉस्पिटल ले जाया गया जहां इलाज के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। नगालैंड राज्य आपदा मोचन एजेंसी ने बताया कि राज्य भर में तेज झटके महसूस किए गए लेकिन कहीं से भी किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है।
असम के कछार जिले के अतिरिक्त उपायुक्त का सरकारी आवास मणिपुर में तमेंगलोंग जिले के पास है और वह क्षतिग्रस्त हो गया है। भूकंप का केंद्र तमेंगलोंग जिले में था। कछार में दमकल विभाग की एक इमारत और अन्य इमारतों में दरार आ गई है। इस बीच अगरतला से मिली खबर में बताया गया है कि आज आया भूकेप पूरे राज्य में महसूस किया गया।
राज्य आपदा प्रबंधन के कार्यक्रम अधिकारी शरत दास ने बताया कि पूरे राज्य में भूकंप महसूस किया गया, लेकिन अब तक कहीं से भी जान माल के नुकसान की खबर नहीं है। झारखंड के कई हिस्सों में भी भूकंप महसूस किया गया और दुमका में लोग कंपन का अहसास होते ही अपने घरों से बाहर निकल भागे। अधिकारियों ने बताया कि रांची, गिरिडीह, चतरा, लोहरदग्गा जिलों में भी भूकंप के मामूली झटके महसूस किए गए।
क्षेत्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, यह भूकंप हालिया वर्षों में आए सर्वाधिक तीव्र भूकंपों में से एक था और इसे पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में महसूस किया गया। एनडीएमए ने पूर्व में बताया था कि वह राज्य सरकारों, गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, एनडीआरएफ, दूरसंचार मंत्रालय और अन्य सरकारी विभागों तथा खोज, राहत एवं बचाव एजेंसियों के साथ समन्वय कर रहा है।
पूर्वोत्तर के सभी राज्यों- मणिपुर, असम, त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालय, सिक्किम और नगालैंड तथा पश्चिम बंगाल में नियंत्रण कक्ष तथा राहत आयुक्तों के साथ एनडीएमए ने बात की है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र के सभी राज्य देश के भूगर्भीय नक्शे में जोन पांच के तहत आते हैं जो कि भूकंप के लिहाज से अत्यंत संवेदनशील माना जाता है। एनसीएमसी की बैठक में सचिव (बिजली), सचिव (दूरसंचार) सदस्य, एनडीएमए और डीजी (भारतीय मौसम विभाग) शामिल हुए। बैठक में गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया। मणिपुर के मुख्य सचिव ने वीडियो लिंक के जरिए बैठक में हिस्सा लिया।-एजेंसी
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