अगरतला, 11 जून | दक्षिणी असम, त्रिपुरा, मिजोरम और पश्चिमी मणिपुर में लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण पिछले लगभग एक महीने से बाधित रेल यातायात को बहाल करने के लिए तेजी से काम किए जा रहे हैं। त्रिपुरा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष बिप्लब देब ने शुक्रवार को कहा कि असम के लोक निर्माण विभाग (सड़क एवं राजमार्ग) मंत्री परिमल शुक्ल बैद्य ने उन्हें क्षेत्र में जल्द से जल्द सड़क यातायात बहाल करने में पूरी मदद का आश्वासन दिया है।
फोटो: असम के लोअर पोआ में बारिश और भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुए राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 44 पर 31 मई, 2016 को फंसे हुए ट्रक। (फोटो: आईएएनएस)
दक्षिणी असम से गुरजने वाली रेलवे लाइन और राष्ट्रीय राजमार्ग त्रिपुरा, मिजोरम और पश्चिमी मणिपुर को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ते हैं, जिसके जरिये खाद्यान्न, उर्वरक, पेट्रोलियम उत्पादों, निर्माण सामग्रियों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जाती है।
करीब 585 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग आठ के बाधित होने के कारण त्रिपुरा सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, जो असम और मेघालय के जरिये इसे शेष भारत से जोड़ता है। यह मार्ग दक्षिणी असम से सटे इलाके में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है।
असम के लोअर पोवा और उत्तरी त्रिपुरा में चुरैबारी के बीच 20 किलोमीटर लंबा मार्ग बारिश के कारण खराब हो गया है।
त्रिपुरा सरकार के अधिकारियों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजमार्ग-8 के ध्वस्त होने के कारण सैकड़ों तेल टैंकर, सामानों से भरे ट्रक और अन्य वाहन दक्षिणी असम में लोअर पोवा क्षेत्र में फंसे हुए हैं।
रेल और सड़क यातायात में व्यवधान के कारण क्षेत्र में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हो गई है।
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी अजीत पंडित ने आईएएनएस को फोन पर बताया “हम एक सप्ताह के भीतर रेल लाइन को बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं। हमारे कार्यकर्ता और इंजीनियर रेल सेवा बहाल करने के लिए 24 घंटे काम कर रहे हैं। हमने इसके लिए ऑस्ट्रिया से भी इंजीनियरों को बुलाया है।”
रेलमार्गो से मलबे हटाने और रेल पटरियों की मरम्मत के बाद गुवाहाटी से त्रिपुरा, मिजोरम और दक्षिणी असम के बीच प्रायोगिक तौर पर मालगाड़ियों का परिचालन शुरू किया गया है। हालांकि अभी ये मार्ग यात्री गाड़ियों के परिचालन के लिए अनुकूल नहीं हैं। –आईएएनएस
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