नई दिल्ली, 29 फरवरी (जनसमा)। लोकसभा में बजट 2016-17 प्रस्तुत करते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पेंशन स्कीमें वरिष्ठ नागरिकों को वित्तीय सुरक्षा की पेशकश करती हैं। ‘राष्ट्रीय पेंशन स्कीम’ के अंतर्गत सेवानिवृत्ति के समय निधि से 40 प्रतिशत राशि निकालने को कर-मुक्त (टैक्स-फ्री) किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सुपर एन्युएशन फण्ड्स और ईपीएफ सहित मान्यता प्राप्त भविष्य निधियों के मामले में 1 अप्रैल, 2016 के पश्चात किए गए अंशदानों से सृजित निधियों में भी 40 प्रतिशत के कर-मुक्त होने का वही मानदंड लागू होगा।
जेटली ने कहा कि इसके अतिरिक्त, पेंशनभोगी की मृत्यु के पश्चात उसके कानूनी उत्तराधिकारी को मिलने वाली वार्षिकी निधि, तीनों मामलों में कर योग्य नहीं होगी। इसके अतिरिक्त, हम कर-छूट का लाभ लेने के लिए मान्यताप्राप्त भविष्य और सुपर एन्युएशन फण्ड्स में नियोक्ता के अंशदान की माॅनीटरी सीमा 1.5 लाख रुपए प्रतिवर्ष करने का प्रस्ताव करते हैं।
इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय पेंशन प्रणली द्वारा उपलब्ध कराई गई वार्षिकी सेवाओं और ईपीएफओ द्वारा कर्मचारियों को प्रदान की गई सेवाओं को सेवा कर (सर्विस टैक्स) से छूट देने की बात कही।
उन्होंने कुछ मामलों में, एकल प्रीमियम वार्षिकी (बीमा) पॉलिसियों के अदा किए गए प्रीमियम पर सेवा कर 3.5 प्रतिशत से घटाकर 1.4 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव किया।
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