नई दिल्ली, 3 जुलाई | पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इस सप्ताह हुई कटौती के बाद केंद्र सरकार मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम की सलाह मानते हुए पेट्रोल एवं डीजल के उत्पाद कर में संभवत: निकट भविष्य में कटौती नहीं करेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, सुब्रह्मण्यम ने पिछले माह जमा किए गए एक दस्तावेज में सुझाव दिया है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें मौजूदा लगभग 50 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर जब तक 65 डॉलर प्रति बैरल तक नहीं हो जातीं, तब तक पेट्रोल और डीजल के उत्पाद कर में बदलाव न किया जाए।
फाइल फोटो
सुब्रह्मण्यम ने कहा है कि 65 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर कीमत में होने वाली किसी भी वृद्धि का भार उपभोक्ताओं और सरकार पर समान मात्रा में पड़ना चाहिए। उपभोक्ताओं को जहां बढ़ी हुई अतिरिक्त कीमत अदा करनी चाहिए, वहीं सरकार को उत्पाद कर में कटौती करनी चाहिए।
वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में लगातार चल रहे उतार-चढ़ाव के बीच भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की कीमत गुरुवार 30 जून, 2016 को 47.24 डॉलर प्रति बैरल रही, जो बुधवार 29 जून को 46.80 डॉलर प्रति बैरल थी।
सरकारी कंपनी इंडियन ऑयल कारपोरेशन (आईओसी) ने शुक्रवार को दिल्ली में पेट्रोल की कीमतों में 89 पैसे प्रति लीटर और डीजल की कीमतों में 49 पैसे प्रति लीटर की कटौती की। यह कटौती अन्य राज्यों में भी इसी के अनुरूप हुई।
उल्लेखनीय है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बीते एक वर्ष से लगातार तेल की कीमतें गिरती रही हैं, जो 100 डॉलर प्रति बैरल से गिरकर एक समय 27 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थी। इस दौरान सरकार ने पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क में नौ गुना तक की वृद्धि की है। इस दौरान सरकार ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 11.77 रुपये प्रति लीटर की और डीजल के उत्पाद शुल्क में 13.47 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की है।
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