जयपुर, 21 सितम्बर (जस)। राजस्थान की जलदाय मंत्री किरण माहेश्वरी ने प्रदेश और देश-विदेश से आए कॉन्ट्रेक्टर्स, पंप एवं पाइप सप्लायर्स से कहा कि सरकार का उद्देश्य पेयजल योजनाओं में और गति लाना, सभी योजनाओं को समयावधि में पूरी करवाना है। उन्होंने कहा कि संवेदकों के सामने आनी वाली सभी समस्याओं को प्राथमिकता से सुना जाएगा और समाधान किया जाएगा, लेकिन वे भी पूरी ईमानदारी के साथ काम करें।
जलदाय मंत्री बुधवार को दुर्गापुरा के स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर मैनेजमेंट (सियाम) में ‘स्टेक होल्डर्स डायलॉग ऑन प्रोक्योरमेंट प्रेक्टिस’ थीम पर वर्कशॉप में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि सरकार संवेदकों के हितों की रक्षा करेगी लेकिन उन्हें भी अपनी जिम्मेदारी सजगता से निभाने के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है सभी संवेदकों की कार्यक्षमता बढ़े, उनके काम की पहचान हो।
उन्होंने कहा कि परियोजना में काम में आने वाली सामग्री की गुणवत्ता बेहतरीन हो, काम समय पर पूरे हों ताकि आमजन को समय पर जल उपलब्ध हो सके। व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के संबंध में जब सुझाव मांगे गए तो संवेदकों द्वारा राज्य में सबकॉन्टे्रक्टिंग, पेनल्टी की प्रकिया को सरल बनाने तथा उपयोग में आने वाले सामान के कैटेगराइजेशन कर प्रकिया का सरलीकरण करने की मांग की गई, ताकि परियोजना पूर्ण करने में समय कम से कम लगे।
संवेदकों ने कहा कि कार्यादेश मिलने के बाद ज्यादा समय भूमि अधिग्रहण, ड्रॉइंग व डिजाइन अप्रूवल में लग जाता हैं, जिससे परियोजना के क्रियान्वयन में अनावश्यक देरी हो जाती है। साथ ही भुगतान में देरी होने से धनाभाव के कारण कार्य समय पर पूर्ण नहीं हो पाते हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव (इंफ्रा) डी.बी. गुप्ता ने कहा कि समस्त जिला कलेक्टर्स को निर्देशित किया गया है कि महीने में एक बार होने वाली बैठक में राजस्व विभाग के सक्षम अधिकारी की उपस्थिति में भूमि अधिग्रहण के मामलों को प्राथमिकता से निपटाया जाए। राज्य सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि परियोजना के लिए आवश्यक भूमि का 80 फीसदी उपलब्धता के बाद ही परियोजना स्वीकृत की जाए।
Follow @JansamacharNews