लुसाने (स्विट्जरलैंड), 1 जून | अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी महासंघ (एआईबीए) द्वारा बुधवार को पेशेवर मुक्केबाजो को ओलम्पिक खेलों में हिस्सा लेने की अनुमति मिलने के बाद भारत के दिग्गज पेशेवर मुक्केबाज विजेंद्र सिंह के पास रियो ओलम्पिक में देश का प्रतिनिधित्व करने का एक सुनहरा अवसर आया है। एआईबीए के 88 सदस्य महासंघों में से 84 ने बुधवार को ओलम्पिक खेलों में पेशेवर मुक्केबाजों को भाग लेने का मौका देने वाले नियम के पक्ष में वोट किया।
एआईबीए के प्रमुख चिंग-कुवो वु ने मीडिया को सूचना देते हुए कहा कि अगले माह वेनेजुएला में होने वाले क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में ओलम्पिक की 26 सीटों के लिए सभी भार वर्ग के मुक्केबाज हिस्सा लेंगे।
विजेंद्र ने ट्विटर पर एआईबीए के इस फैसले का स्वागत करते हुए लिखा, “मैं एआईबीए के इस कदम का स्वागत करता हूं, जिसमें पेशेवर मुक्केबाजों को ओलम्पिक में हिस्सा लेने की अनुमति मिली है। सभी पेशेवर मुक्केबाजों को शुभकामनाएं।”
एआईबीए के इस कदम की कई लोगों ने आलोचना भी की है। इन लोगों का कहना है कि जमे जमाए पेशेवर मुक्केबाजों के सामने अनुभवहीन मुक्केबाजों को खड़ा करना अनुचित होगा।
एक ओर जहां दिग्गज मुक्केबाज माइक टाइसन और विश्व के पूर्व हैवीवेट चैम्पियन लेनोक्स लेविस ने इस कदम की आलोचना की है, वहीं ब्रिटेन के पेशेवर मुक्केबाज आमिर खान ने इसका स्वागत किया है।
वु के नेतृत्व में एआईबीए ने अर्ध पेशेवर मुक्केबाजों के लिए 2011 में विश्व मुक्केबाजी श्रृंखला (डब्ल्यूएसबी) की शुरुआत की। इसमें शहर आधारित टीम में हिस्सा लेकर मुक्केबाज धन कमा सकते हैं। उन्होंने लंदन ओलम्पिक में महिलाओं के लिए मुक्केबाजी प्रतियोगिता की भी शुरुआत की।
डब्ल्यूएसबी के कुछ मुक्केबाजों ने आधिकारिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के तहत रियो ओलम्पिक में जगह बना ली है।आईएएनएस
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