भारत के शीर्ष निशानेबाजों में से एक और टोक्यो पैरालिंपिक के स्वर्ण पदक विजेता मनीष नरवाल ने साल 2021 में इतिहास रचा था, जब उन्होंने टोक्यो पैरालिंपिक में नया विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए भारत को स्वर्ण पदक दिलाया था।
उनकी उपलब्धि ने न केवल उन्हें प्रतिष्ठित खेल रत्न पुरस्कार दिलाया, बल्कि सैकड़ों बच्चों को निशानेबाजी करने और अपने खेल के जुनून को पूरा करने के लिए प्रेरित किया।
लेकिन 2021 की अपनी उपलब्धि से बहुत पहले, मनीष ने अपने घर में ही एक करीबी को न केवल निशानेबाजी के लिए, बल्कि उनके नक्शेकदम पर चलने और क्षेत्र में खुद के लिए एक पहचान बनाने के लिए प्रेरित किया था – उनके छोटे भाई शिवा नरवाल।
शिवा ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स, 2020 और फिर इस खेल के 2021 संस्करण में स्वर्ण जीता। 17 वर्षीय, शिवा ने पहली बार पिछले साल मिस्र विश्व चैंपियनशिप में भाग लिया और वे 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में 8वें स्थान पर रहकर पेरिस ओलंपिक कोटा जीतने के करीब पहुंच गए थे।
पैरालिंपिक विश्व चैंपियनशिप पदक से चूकने की निराशा के बाद उन्होंने स्वयं को प्रेरित करते हुए एशियन एयरगन चैंपियनशिप के पुरुष एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता।
जहां मनीष ने खुद को अब देश के सर्वश्रेष्ठ पैरा-शूटरों में से एक के रूप में स्थापित कर लिया है, वहीं शिवा का वर्तमान उद्देश्य न केवल खेलो इंडिया यूथ गेम्स में एक और पदक जीतना है, बल्कि स्वर्ण की हैट्रिक बनाना भी है।
“मैं वास्तव में खुश हूं कि मुझे फिर से खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 के लिए चुना गया है। अतीत में, केआईवाईजी, 2020 और केआईवाईजी, 2021 में मेरा प्रदर्शन वास्तव में अच्छा रहा है और मुझे उम्मीद है कि मध्य प्रदेश में भी मेरा प्रदर्शन अच्छा रहेगा तथा मैं एक बार फिर हरियाणा के लिए स्वर्ण जीतूंगा।”
यह पूछे जाने पर कि क्या मनीष का भाई होने के नाते उन पर कोई अतिरिक्त दबाव है, इस युवा ने तुरंत उनका समर्थन करते हुए कहा, ‘वे हमेशा मेरी मदद के लिए मौजूद होते हैं।’
शिवा ने कहा, “मेरी बड़ी बहन और भाई दोनों निशानेबाजी करते हैं और मनीष को एयर पिस्टल स्पर्धाओं में अच्छा प्रदर्शन करते देख मैंने निशानेबाजी शुरू की।”
उन्होंने कहा, “अगर मुझे निशानेबाजी में कोई समस्या आती है तो मनीष हमेशा मेरा समर्थन करते हैं और हमेशा मेरी मदद के लिए मौजूद रहते हैं।”
पिछले खेलो इंडिया यूथ गेम्स में, शिवा का योग्यता-प्राप्ति चरण में 588 का प्रभावशाली स्कोर था, जो दूसरे स्थान पर रहे उनके साथी सम्राट राणा से पांच अंक बेहतर था। बाद में उन्होंने स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था और साथ ही उनकी बहन शिखा नरवाल भी लड़कियों की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक की विजेता बनी थीं।
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