भोपाल, 19 जून | गिद्धों को विलुप्त होने से बचाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। राज्य में गिद्घों की संख्या बढ़ाने के लिए हरियाणा के पिंजौर स्थित जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र से 10 गिद्घ भोपाल लाए गए हैं। राज्य के वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, हरियाणा के पिंजौर स्थित जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र से शनिवार को 10 गिद्घ भोपाल लाए गए। इन गिद्घों को भोपाल स्थित वन विहार के केरवा संगरोधन केंद्र में संवद्र्घन और प्रजनन के लिए रखा जाएगा। पिंजौर से आए गिद्घों में छह लम्बी चोंच वाले और चार सफेद गिद्घ हैं। प्रजनन और संवद्र्घन के बाद गिद्घों को प्राकृतिक स्थलों पर छोड़ा जाएगा। गिद्धों की नई खेप आने से अब केरवा में इस विलुप्त प्रजाति की संख्या बढ़ कर 30 हो गई है।
समाज में गिद्धों की अपनी अहमियत है। लोग इसे प्राकृतिक सफाईकर्मी और पर्यावरण मित्र के रूप में देखते हैं।
गिद्घों की घटती संख्या विश्वभर में चिंता का कारण बन रही है, जिनमें भारत भी शामिल है। गिद्धों को विलुप्त होने से बचाने के लिए देश में आठ गिद्घ संरक्षण एवं प्रजनन-केन्द्रों की स्थापना की गई है, जिनमें एक भोपाल में भी स्थित है। भोपाल में गिद्घ संवद्र्घन केन्द्र की स्थापना वर्ष 2011 में हुई। वर्ष 2014 में पिंजौर के जटायु संरक्षण-केन्द्र से यहां 15 गिद्घ लाए गए थे जिनमें आठ लम्बी चोंच वाले और सात सफेद थे। इसके अलावा छिन्दवाड़ा के तामिया से भी छह लम्बी चोंच वाले गिद्घ लाए गए थे। –आईएएनएस
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