भोपाल, 22 जनवरी। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी और मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में सभी वर्ग के अधिक से अधिक युवाओं को उद्योग लगाने के लिये प्रेरित करें। मध्यप्रदेश को कृषि के साथ अब औद्योगिक विकास में अग्रणी बनायें। मुख्यमंत्री ने यह बात शुक्रवार को वाणिज्य एवं उद्योग विभाग की समीक्षा करते हुए कही। बैठक में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया और मुख्य सचिव अंटोनी डिसा भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वे स्वयं इन योजना में उद्योग लगाने वाले युवा उद्यमियों से संवाद करेंगे। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के क्रियान्वयन का थर्ड पार्टी वेल्युएशन भी करवायें। उन्होंने नवीन औद्योगिक क्षेत्रों के विकास की लगातार मॉनीटरिंग करने को भी कहा। प्रदेश में निवेश की इच्छुक जापानी कंपनियों का सेमीनार आयोजित किया जाये। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2014 के सभी निवेश प्रस्तावों की समीक्षा कर प्रत्येक विभाग प्रतिवेदन तैयार करें।
टेक्सटाईल उद्योग में 7000 करोड़ का निवेश
बताया गया कि प्रदेश में बीते पाँच वर्ष में टेक्सटाईल उद्योग में 7000 करोड़ रूपये का निवेश हुआ है, जिसमें 40 हजार को रोजगार मिला है। टेक्सटाईल उद्योग में 3000 करोड़ के नये निवेश के प्रस्ताव भी मिले हैं। जारी वर्ष में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में 1347 तथा मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना में 23 हजार प्रकरण स्वीकृत हुए हैं। ब्याज अनुदान योजना में जारी वर्ष में 714 प्रकरण में 224 करोड़ 77 लाख रुपये वितरित किये गये हैं।
लघु और मध्यम उद्योगों के लिये देवास और ग्वालियर में केन्द्र की योजना में इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किये जायेंगे। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2014 में प्राप्त निवेश प्रस्ताव में से 307 निवेश प्रस्ताव में 18 हजार 903 करोड़ रूपये का निवेश हो चुका है। कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश में 5,116 युवा को प्रशिक्षण देकर रोजगार उपलब्ध करवाया गया है।
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