नई दिल्ली, 04 जून (जनसमा)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज पांच देशों की यात्रा पर रवाना हो गए। शनिवार सुबह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सबसे पहले नई दिल्ली से अफगानिस्तान के हेरात के लिए रवाना हुए। जहां प्रधानमंत्री मोदी आज अफगानिस्तान में राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ अफगान-भारत मैत्री बांध का उद्घाटन करेंगे। उसके बाद वह कतर, स्विट्ज़रलैंड, अमरीका और मैक्सिको जाएंगे।
हेरात से 185 किलोमीटर पूर्व में स्थित बांध के लिए जरूरी उपकरण और निर्माण सामग्री भारत से समुद्र के रास्ते ईरान के बंदर-ए-अब्बास बंदरगाह पर पहुंचाई गई जहां से ईरान अफगानिस्तान सीमा पर एक हजार दो सौ किलोमीटर दूर स्थित इस्लाम किला चौकी तक सड़क से और आगे फिर तीन सौ किलोमीटर सड़क से निर्माण स्थल तक इस बहुउद्देशीय योजना से 75 हजार हेक्टेयर जमीन में सिंचाई की सुविधा मिलेगी, 42 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा और साथ ही इस क्षेत्र के स्थानीय लोगों को पेय जल भी उपलब्ध हो सकेगा।
प्रधानमंत्री की इन यात्राओं के दौरान आपसी व्यापार, ऊर्जा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने तथा परमाणु सामग्री आपूर्तिकर्ता समूह एन.एस.जी. का सदस्य बनने के भारत के प्रयासों को बल देने पर जोर रहेगा। मोदी अड़तालीस सदस्यों के एन.एस.जी. समूह की सदस्यता के लिए स्विट्ज़रलैंड और मैक्सिको का समर्थन मांग सकते हैं। ये दोनों देश समूह के प्रमुख सदस्य हैं। स्विट्ज़रलैंड के राष्ट्रपति श्नाइडर-अम्मान के साथ वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री स्विस बैंकों में भारतीयों के काले धन का मुद्दा भी उठा सकते हैं।
कतर दौरे के बारे में मोदी ने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों की जनता की ऐतिहासिक दोस्ती को परवान चढ़ाने के अलावा ऊर्जा, व्यापार और निवेश के क्षेत्र में भागीदारी को बढ़ायेगी। प्रधानमंत्री भारत से गये श्रमिकों और भारतीय समुदाय के लोगों से बात करेंगे। कतर से प्रधानमंत्री स्विट्जरलैंड के लिए रवाना होंगे।
स्विट्ज़रलैंड से मोदी छह जून को वाशिंगटन जाएंगे। वे अमरीकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को भी सम्बोधित करेंगे। ऐसा करने वाले वे भारत के पांचवें प्रधानमंत्री होंगे। मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच प्रगाढ़ संबंधों से न सिर्फ दोनों देशों बल्कि समूची दुनिया को फायदा होगा।
मैक्सिको यात्रा के बारे में मोदी ने कहा कि यह देश लैटिन अमरीकी क्षेत्र में प्रमुख भागीदार है।
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